
यूक्रेन और अमेरिका ने रेयर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ खनिज) को लेकर एक डील की घोषणा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की इस डील पर साइन करने के लिए जल्द ही अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन पर लंबे समय से दबाव डाल रहा था कि वह अमेरिका को ये दुर्लभ खनिज उपलब्ध कराए।
डील को लेकर अमेरिका का रुख
- ट्रम्प ने यूक्रेन सरकार से कहा था कि अगर उसे अमेरिकी मदद जारी रखनी है, तो 500 बिलियन डॉलर के रेयर अर्थ मटेरियल देने होंगे।
- उन्होंने जेलेंस्की को धमकी भी दी थी कि अगर यह डील नहीं होती, तो अमेरिका यूक्रेन को वित्तीय और सैन्य सहायता देना बंद कर देगा।
- हालांकि, अमेरिका ने अब इस 500 बिलियन डॉलर की मांग को छोड़ दिया है।
यूक्रेन की स्थिति और प्रतिक्रिया
- यूक्रेन इस डील के बदले में अमेरिका से सुरक्षा गारंटी मांग रहा था, लेकिन अमेरिका ने इसे देने से इनकार कर दिया।
- अब अमेरिका यूक्रेन के पुनर्निर्माण (Re-development) में आर्थिक मदद करेगा।
- सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन को अमेरिका से सीधे सुरक्षा सहायता नहीं मिलेगी, लेकिन आर्थिक सहायता दी जाएगी।
रेयर अर्थ मटेरियल का महत्व
रेयर अर्थ मटेरियल 17 दुर्लभ तत्वों का एक समूह है, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, सैन्य उपकरण, आईटी इंडस्ट्री, सौर ऊर्जा, केमिकल इंडस्ट्री और ऑयल रिफाइनरी में किया जाता है। यूक्रेन के पास दुनिया के कुल कच्चे रेयर अर्थ मटेरियल का लगभग 5% भंडार है। इसमें ग्रेफाइट का 19 मिलियन टन भंडार और यूरोप के कुल लीथियम भंडार का 33% हिस्सा शामिल है। जंग से पहले, ग्लोबल टाइटेनियम उत्पादन में 7% हिस्सा यूक्रेन का था।
17 रेयर अर्थ मेटेरियल
सेरियम, डिस्प्रोसियम, अर्बियम, यूरोपियम, गैडोलिनियम, होल्मियम, लैंथेनम, ल्यूटेटियम, नियोडिमियम, प्रेसियोडीमियम, प्रोमेथियम, समैरियम, स्कैंडियम, टेरबियम, थ्यूलियम, येटरबियम और इट्रियम।
रूस का प्रभाव और यूक्रेनी खनिज भंडार पर कब्जा
यूक्रेन में युद्ध के चलते कई महत्वपूर्ण खनिज भंडार रूस के कब्जे में आ गए हैं। यूक्रेनी मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को के अनुसार, रूस के कब्जे वाले हिस्सों में 350 अरब डॉलर के संसाधन मौजूद हैं।
ट्रम्प का बयान और अमेरिका की रणनीति
ट्रम्प ने कहा,
“अमेरिका ने यूक्रेन को 300 से 350 बिलियन डॉलर की मदद की है। हम वह पैसा वापस चाहते हैं। अमेरिकियों को उनका पैसा वापस मिलने जा रहा है।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध समाप्त होता है, तो वहां एक पीसकीपिंग फोर्स (शांति सेना) तैनात की जा सकती है।
यूक्रेन-अमेरिका के लिए क्यों अहम है ये डील?
अमेरिका को अपने टेक और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए दुर्लभ खनिज मिलेगा। यूक्रेन को वित्तीय सहायता मिलेगी लेकिन सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी गई है। रूस के कब्जे में पहले ही यूक्रेन के कई खनिज संसाधन हैं, जिससे यूक्रेन को अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह डील करनी पड़ी।
इस डील के क्या प्रभाव होंगे?
- अमेरिका चीन पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है, क्योंकि वर्तमान में रेयर अर्थ मटेरियल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता चीन है।
- यूक्रेन को अमेरिकी निवेश और पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी।
- रूस की स्थिति कमजोर हो सकती है, क्योंकि यूक्रेन पश्चिमी सहयोगियों से अधिक समर्थन पाने की कोशिश कर रहा है।
- यह डील भविष्य में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और भू-राजनीतिक संतुलन पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।