
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार, 20 जनवरी 2025 को घोषणा की कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अलग हो जाएगा। ट्रंप का कहना है कि WHO ने COVID-19 महामारी और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकटों को गलत तरीके से संभाला।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने अपने बयान में WHO पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,
“WHO ने COVID-19 महामारी और अन्य स्वास्थ्य संकटों में सही कदम नहीं उठाए, जिससे वैश्विक स्तर पर गंभीर समस्याएं पैदा हुईं।”
WHO की प्रतिक्रिया
WHO ने अमेरिका के इस फैसले पर खेद जताते हुए कहा कि यह वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक बड़ा झटका है। WHO ने अपने बयान में कहा,
“WHO दुनिया भर में स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने, बीमारी के कारणों को रोकने और स्वास्थ्य आपातकालों का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका के साथ मिलकर हमने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, जैसे कि चेचक का खात्मा और पोलियो को लगभग समाप्त करना।”
अमेरिका और WHO का 70 वर्षों का जुड़ाव
अमेरिका 1948 में WHO का संस्थापक सदस्य बना था। पिछले सात दशकों में, अमेरिका और WHO ने मिलकर अनगिनत जीवन बचाए और वैश्विक स्वास्थ्य खतरों से सुरक्षा प्रदान की।
WHO का सुधार अभियान
पिछले सात वर्षों में WHO ने अपनी जवाबदेही, लागत प्रभावशीलता और देशों में प्रभाव को सुधारने के लिए व्यापक सुधार लागू किए हैं। WHO ने उम्मीद जताई कि अमेरिका इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा।
वैश्विक स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के इस फैसले का असर वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रमों और आपातकालीन सेवाओं पर पड़ेगा। WHO और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी के खत्म होने से कई स्वास्थ्य परियोजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या होगा आगे?
WHO ने अमेरिका से रचनात्मक संवाद बनाए रखने और साझेदारी को बरकरार रखने की उम्मीद जताई है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह निर्णय वैश्विक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव डालता है।
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