भारत में बहुत से विदेशी घूमने आते हैं इतना ही नहीं बहुत से विदेशी मेहमान यहां निवास भी करते है। ऐसे में अमेरिका ने अपने नागरिकों को आगाह किया है। अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। जिसके मुताबिक उन्हें मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्रों और देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में नहीं जाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही एडवाइजरी में उन इलाकों में भी नहीं जाने को कहा है जहां नक्सली सक्रिय हैं। यूएस ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर यह एडवाइजरी जारी की है।
इसके अलावा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भी जाने से बचें। क्योंकि भारत के इन इलाकों में अशांति का माहौल है। हिंसा और आपराधिक गतिविधियां होती हैं। अमेरिका नहीं चाहता कि किसी दूसरे देश में उनके नागरिकों की जान को खतरा पैदा हो। इसलिए बाइडेन सरकार अपील करती है कि भारत में रहने वाले अमेरिका के नागरिक अलर्ट रहें। अपनी जान और माल की सुरक्षा करें। अमेरिकी सरकार ने एंबेसी के जरिये एडवाइजरी भिजवा दी है।
रेप और आतंकी हमलों की दुहाई देकर किया अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की सरकार ने एडवाइजरी में दुष्कर्म और आतंकी-नक्सली हमलों की दुहाई देते हुए लिखा है कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने आतंकवाद की जड़ें फैलाई हुई हैं। मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण आतंक का माहौल बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में उग्रवाद सक्रिय है। नागरिकों को अशांति और दहशत का माहौल रहता है। भारतीय नागरिक ही एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। उनकी सुरक्षा करते हुए सेना के जवान बलिदान हो जाते हैं।
इसलिए जिन इलाकों में आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद सक्रिय है, अमेरिका के नागरिक वहां बिल्कुल न जाएं। दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो सकती हैं। आतंकी और नक्सली हमला हो सकता है। पहले भी भारत में विदेशी टूरिस्टों पर हमले और लूटपाट की घटनाएं होती रही हैं। हाल ही में एक विदेशी महिला के साथ वहां दुष्कर्म हुआ था। इसलिए बाइडेन सरकार अमरिका के नागरिकों को सलाह देती हैं कि वे भारत की यात्रा पर जाएं, लेकिन सफर संभलकर ही करें।
एंबेसी से परमिशन लेने की सलाह
अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से निर्देश दिया गया है कि भारत के किसी भी राज्य में जाने से पहले अमेरिका के नागरिक विचार विमर्श कर लें। अपने दूतावास की परमिशन जरूर ले लें। क्योंकि मणिपुर, असम, जम्मू कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा जैसे राज्यों में जाना खतरे से खाली नहीं है। न सिर्फ नागरिकों को, बल्कि भारत में तैनात अमेरिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इजाजत लेनी होगी।