“हम क्यों दें?”, चुनावी फंडिंग को लेकर ट्रम्प ने उठाए सवाल, बीजेपी ने 182 करोड़ की अमेरिकी फंडिंग पर जताई आपत्ति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए अमेरिकी सहायता के तहत 21 मिलियन डॉलर लगभग 182 करोड़ रुपए की फंडिंग पर सवाल उठाए हैं।

ट्रंप ने कहा,

हम भारत को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत ज्यादा पैसा है। भारत दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है, खासतौर पर हमारे लिए। मैं भारत और उनके PM का सम्मान करता हूं, पर 182 करोड़ क्यों?”

बाइडन प्रशासन ने दी थी फंडिंग को मंजूरी, 16 फरवरी को रद्द की गई फंडिंग

वास्तव में यह फंडिंग जो बाइडन प्रशासन द्वारा भारत में मतदान बढ़ाने के उद्देश्य से मंजूर की गई थी, लेकिन एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने इसे 16 फरवरी को रद्द करने की घोषणा की थी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में DOGE ने अमेरिकी करदाताओं के उस व्यय की सूची दी थी जिसे रद्द कर दिया गया था। इसमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी शामिल थे।

मस्क ने 15 प्रोजेक्ट्स की रद्द की फंडिंग

  • मोजाम्बिक में पुरुषों को स्वेच्छा से खतना कराने के लिए मदद के 86 करोड़ रद्द।
  • दूसरे देशों में चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए मदद के 4200 करोड़ (भारत को 182 करोड़ रद्द)।
  • कम्बोडिया के युवाओं को स्किल सिखाने के लिए यूसी बर्कले को मदद के 84 करोड़ की रद्द।
  • कम्बोडिया में स्वतंत्र आवाजों को मजबूत करने के लिए मदद के 20 करोड़ रद्द।
  • बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए मदद के 251 करोड़ रद्द।
  • प्राग सिविल सोसाइटी सेंटर के लिए मदद के 277 करोड़ रद्द।
  • लैंगिग समानता और महिला सशक्तिकरण केंद्र के लिए मदद के 346 करोड़ रद्द।
  • नेपाल में वित्तीय मदद के 173 करोड़ रद्द।
  • नेपाल में जैव विविधता संरक्षण के लिए मदद के 164 करोड़ रद्द।
  • लाइबेरिया में वोटर कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए मदद के 13 करोड़ रद्द।
  • सर्बिया में सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया सुधारने के लिए मदद के 121 करोड़ रद्द।
  • माली में सामाजिक एकता के लिए मदद के 121 करोड़ रद्द।
  • साउथ अफ्रीका में समावेशी लोकतंत्र के लिए मदद के 21 करोड़ रद्द।
  • एशिया में लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए मदद के 407 करोड़ रद्द।
  • कोसोवो में टिकाऊ रीसाइक्लिंग मॉडल विकसित करने के लिए मदद के 17 करोड़ रद्द।

चुनाव में फंडिंग पर BJP ने उठाए सवाल

इस घटनाक्रम के बाद, भारतीय जनता पार्टी ने इस फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया है।

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने DOGE के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,

21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ रुपए) वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए? यह साफ तौर पर देश की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल है। इस फंड से किसे फायदा होगा। जाहिर है इससे सत्ताधारी पार्टी (BJP) को तो फायदा नहीं होगा।

एक दूसरे पोस्ट में अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्टी और जॉर्ज सोरोस पर भारतीय चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया।

मालवीय ने एक्स पर लिखा,

“2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के साथ एक MOU साइन किया था। ये संस्था जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा है। इसे मुख्य तौर पर USAID से आर्थिक मदद मिलती है।”

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