
अमेरिका में हुआ सत्ता परिवर्तन विश्व का समीकरण बदलने को बेताब है। अब तक जो अमेरिका जंग में यूक्रेन के साथ दिख रहा था, वह अब रूस के पाले में नजर आ रहा है। सऊदी अरब की मध्यस्थता में रूस और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने जब बात की तो डोनाल्ड ट्रंप जंग खत्म करने के पक्ष में नजर आए। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी खूब खरी-खोटी सुनाई। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि यूक्रेन में जेलेंस्की की अप्रूवल रेटिंग गिरकर सिर्फ 4% रह गई है। इसके बाद जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप गलत जानकारी में जी रहे हैं। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि अमेरिका से बातचीत के आधार पर ही जंग को लेकर आखिरी फैसला होगा लेकिन बातचीत में यूक्रेन को भी शामिल करने पर सहमति जताई।
ट्रंप ने जेलेंस्की और रूस-यूक्रेन युद्ध के विषय में कही ये बातें
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जेलेंस्की को खूब सुना डाला।
- एक मामूली कॉमेडियन ने अमेरिका को 350 बिलियन डॉलर खर्च करने के लिए मना किया। वो भी एक ऐसी जंग के लिए जिसे कभी जीता नहीं जा सकता।
- जेलेंस्की इस जंग को अमेरिका और ट्रेम्प के बिना कभी सुलझा नहीं पाएंगे।
- अमेरिका ने यूरोप से 200 बिलियन डॉलर ज्यादा खर्च किए हैं, जबकि यूरोप का पैसा सुरक्षित है, और अमेरिका को कुछ भी वापस नहीं मिलेगा।
- नींद में डूबे बाइडेन ने यूरोप से बराबरी की मांग क्यों नहीं की, जबकि यह जंग यूरोप के लिए हमसे ज्यादा जरूरी है।
- जेलेंस्की ने खुद माना है कि हमने उसे जो पैसा भेजा, उसका आधा गायब हो गयाहै।
- जेलेंस्की चुनाव कराने से इनकार कर रहे हैं, उनकी लोकप्रियता बेहद कम है। वह सिर्फ बाइडेन को उंगलियों पर नचाने में माहिर हैं।
- बिना चुनाव वाले तानाशाह को जल्दी कुछ करना होगा, नहीं तो उसके पास देश नहीं बचेगा।
- हम रूस के साथ जंग को खत्म करने के लिए सफलतापूर्वक बातचीत कर रहे हैं।
- सभी मानते हैं कि जंग को सिर्फ ट्रंप और ट्रंप प्रसासन ही खत्म कर सकता है।
- बाइडेन ने जंग रोकने की कभी कोशिश ही नहीं की, यूरोप शांति लाने में नाकाम रहा और जेलेंस्की शायद चाहता है कि यह मुफ्तखोरी चलती रहे।
डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत कीथ केलोग ने जेलेंस्की से की मुलाकात
डोनाल्ड ट्रंप के यूक्रेन मामलों के दूत कीथ केलोग से कीव में जेलेंस्की ने मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी दूत से कहा कि ट्रंप प्रशासन को पहले पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए।
इस बीच जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह अमेरिकी मामलों पर फोकस करना चाहते हैं। ऐसे में वह चाहते हैं कि यूक्रेन, इजरायल जैसे देशों के साथ वह बहुत ज्यादा निवेश न करें। इसलिए वह युद्ध समाप्त करने पर ही फोकस कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी व्लादिमीर पुतिन से अच्छे संबंध थे। माना जा रहा है कि इसी का फायदा उठाते हुए वह जंग खत्म कराना चाहते हैं। उन्होंने पिछली बार व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी की थी।
यूरोपीय देशों ने जेलेंस्की का किया समर्थन
जेलेंस्की को तानाशाह कहने के खिलाफ यूरोपीय नेता उनके समर्थन में उतर आए हैं। जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बैरबॉक ने ट्रंप का बयान पर कहा,
“जेलेंस्की एक लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता हैं और इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं।“
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा,
“राष्ट्रपति जेलेंस्की की लोकतांत्रिक वैधता को नकारना पूरी तरह से गलत और खतरनाक है।“
ब्रिटेन के प्रधानंमंत्री सर कीर स्टार्मर ने इस बयान की निंदा करते हुए जेलेंस्की को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता कहा। उन्होंने युद्धकाल में चुनावों के स्थगन का समर्थन किया। उन्होंने सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और इतिहास में संघर्ष के दौरान चुनावों के स्थगन के उदाहरणों का हवाला दिया।
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने भी ट्रंप की आलोचना की है। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो भी जेलेंस्की के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा,
“कनाडा हमेशा यूक्रेन के समर्थन में खड़ा रहेगा।“