
अमेरिकी सरकार ने सौ और भारतियों को डिपोर्ट करने का फैसला किया है। अभी किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है और जिला प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि अवैध रूप से गए इन भारतियों को 15 फरवरी को अमेरिका के विशेष विमान से अमृतसर के श्री गुरु रामदासजी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लाया जाएगा।
अमेरिका का ये मिलिट्री प्लेन आज दोपहर 12.30 से एक बजे के बीच अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में पंजाब से लगभग 30, हरियाणा से 50, गुजरात से 33 भारतीय सवार हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के भी लोग हैं। बता दें कि ट्रंप सरकार अवैध प्रवासियों को ले जाने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल करती रही है। इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास में भी अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से अवैध प्रवासियों को भेजा गया था।
इन लोगों के अमेरिका जाने के तरीकों की जांच जरूर होगी। इसके अलावा यह जांच भी की जाएगी कि कहीं भारत में कोई अपराध कर तो इनमें से कोई अवैध तरीके से अमेरिका नहीं भाग गया था। माना जा रहा है कि इनमें से कई लोग ऐसे भी हो सकते हैं, जो भारत से अमेरिका वैध टूरिस्ट वीजा लेकर गए हों। फिर वहां अवैध रूप से रहने लगे हों। यह भी संभव है कि किसी मानव तस्करी गैंग के जरिए अमेरिका में प्रवेश किया हो। अगर ऐसा होता है तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है। विदेश मंत्री ने संसद में दिए बयान में यह भी कहा है कि अवैध ढंग से विदेश भेजने वालों और उनकी मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका दोबारा जाने के लिए यह है कानून
जहां तक अमेरिका से निकाले गए लोगों के दोबारा वहां जाने की बात है तो इसके लिए अमेरिका का अपना कानून है। यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज की वेबसाइट पर बताया गया है कि किसी व्यक्ति को अमेरिका से निर्वासित किए जाने या निकालने के बाद दोबारा आवेदन करने के लिए आवेदन की सहमति फॉर्म 1-212 के तहत हासिल करनी पड़ती है।
वैसे तो इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 212 (ए) (9) (ए) या (सी) के तहत अमेरिका में प्रवेश मिलता है। अगर ऐसा नहीं हो सकता है, तो इस फॉर्म का प्रयोग कर प्रवेश के लिए दोबारा आवेदन करने के लिए सहमति मांगनी होती है।
पांच से 10 साल तक का प्रतिबंध भी संभव
मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिका के दूतावास के हवाले से यह भी बताया गया है कि किसी निर्वासित किए गए व्यक्ति को अमेरिका में प्रवेश के लिए दोबारा आवेदन करने से परिस्थितियों के आधार पर 10 सालों तक रोका जा सकता है। हालांकि, ऐसे भी कुछ मामले होते हैं, जिनमें इससे छूट मिलती है। इसके साथ ही अमेरिका के विदेश विभाग के हवाले से कहा गया है कि वापस भेजे गए अवैध अप्रवासियों को कम से कम पांच सालों तक वीजा के लिए आवेदन करने पर पाबंदी होती है।