सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजनीतिक शरण दी है। अमेरिका ने सीरिया में असद सरकार के पतन का स्वागत किया है। वहीं, सीरिया में अमेरिका ने रविवार को ISIS के 75 से ज्यादा ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। टारगेट सीरिया के पूर्वी इलाके बदियाह रेगिस्तान में थे। इस हमले में B-52 बॉम्बर, F-15 और A-10 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल हुआ। इन हमलों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा-
“सीरिया में शक्ति संतुलन बदल गया है। ISIS इसका फायदा उठाने की कोशिश में है लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।”
असद सरकार के सहयोगी ईरान ने सीरिया में हुए तख्तापलट को लेकर हैरानी जताई है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को कहा कि वे इस बात से हैरान हैं कि सीरियाई सेना, विद्रोहियों को राक नहीं सकी, यह सब बहुत तेजी से हुआ। अरागची ने यह भी कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति असद ने ईरान से कोई मदद नहीं मांगी थी।
भारत भी सीरिया के हालात पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा-
“हमारी अपील है कि सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा हो। लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए वहां शांति के साथ राजनीतिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए।”
विद्रोहियों की ऐतिहासिक जीत
सीरिया में 2011 में विद्रोह शुरू हुआ था, जब असद सरकार ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को क्रूरता से कुचल दिया। यह संघर्ष धीरे-धीरे गृहयुद्ध में बदल गया, जिसमें असद सरकार के खिलाफ कई विद्रोही गुट खड़े हए। आखिरकार, 13 साल के इस संघर्ष ने असद शासन को झुका दिया। विद्रोही गुटों ने दमिश्क पर कब्जा कर न केवल असद सरकार को उखाड़ फेंका, बल्कि सीरियाई जनता को एक नई शुरुआत का मौका दिया है।
किस देश ने क्या कहा
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के सीरिया के लिए विशेष दूत गेयर पेडरसन ने कहा, अब यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सीरिया में एक समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो। उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया को अपनी संप्रभुता और स्थिरता बहाल करनी होगी।
इजराइल: इजराइल ने विद्रोहियों की इस जीत को अलग नजरिए से देखा है। इजराइली मंत्री अमिचाई चिकली ने कहा, सीरिया का अधिकांश हिस्सा अलकायदा और आईएसआईएस से जुड़े संगठनों के नियंत्रण में है। इजराइल सेना ने गोलान हाइट्स क्षेत्र में अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है।
जर्मनी: जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने बशर अल-असद के पतन को सीरियाई जनता के लिए बड़ी राहत बताया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि देश को चरमपंथी ताकतों के हाथों में जाने से रोकने की जरूरत है।
चीन: चीन ने इस घटनाक्रम को करीब से देखा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, हम सीरिया की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि देश में जल्द स्थिरता आएगी। उन्होंने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं और दूतावास को मजबूती से कार्यरत बताया।
तुर्की: तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने इस बदलाव को सीरियाई सरकार के पतन के रूप में देखा। उन्होंने कहा, सीरिया में सत्ता हस्तांतरण हो रहा है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादी संगठन इसका फायदा न उठाएं।
यमन और अन्य देश: यमन के सूचना मंत्री मुअम्मर अल-इसयानी ने इसे ईरान के विस्तारवादी एजेंडे की विफलता करार दिया। वहीं, फिलीपींस ने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और हिंसा से बचने की अपील की।
संयुक्त अरब अमीरात: यूएई के सलाहकार अनवर गर्गाश ने कहा, “गैर-राज्य तत्वों को राजनीतिक शून्य का फायदा नहीं उठाने देना चाहिए।” उन्होंने इस घटना को राजनीतिक विफलता का परिणाम बताया।
सीरिया में फुटबॉल टीम की जर्सी और LOGO का रंग लाल से हरा हुआ
सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (SFA) ने अपनी जर्सी और LOGO का रंग लाल से बदलकर हरा कर दिया है। SFA ने सोशल मीडिया पर लिखा-
“हमारी नई नेशनल टीम की जर्सी। यह ऐतिहासिक परिवर्तन है, अब सीरिया भाई-भतीजावाद, पक्षपात और भ्रष्टाचार से दूर है।”
रूस ने UN में इमरजेंसी बैठक बुलाई
रूस ने सीरिया की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सोमवार को एक इमरजेंसी बैठक बलाई है। रूस ने सीरिया में सभी पक्षों से शांति से पावर ट्रांसफर करने की अपील की। रूस का सीरिया के टार्टस में नौसैनिक अड्डा और लताकिया में वायुसेना का अड्डा है। रूस ने कहा है कि उसके सैन्यकर्मी सीरिया में सुरक्षित हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है।
ईरानी राजपूत बोले- अमेरिका, सीरिया को संभाल नहीं पाएगा
सीरिया में ईरानी राजपूत हुसैन अकबरी ने रविवार को चेतावनी दी कि असद सरकार के पतन के बाद वहां की स्थिति और बिगड़ने वाली है। अकबरी ने कहा कि आने वाले वक्त में तुर्किए और अरब देशों में संघर्ष छिड़ सकता है और इस पर अमेरिका का कंट्रोल नहीं होगा। सीरिया में मुख्य इलाकों पर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का कंट्रोल हो गया है लेकिन कई दूसरे इलाके पर सीरियन नेशनल आर्मी (तुर्किए का समर्थन) , सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (कुर्द) और ISIS का अभी भी कब्जा है।
विद्रोहियों का नेता बोला- सीरिया अब ईरान के इशारे पर नहीं चलेगा
सीरिया में असद सरकार को गिराने वाले HTS के सुप्रीम लीडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने रविवार को दमिश्क की सबसे पवित्र उमय्यद मस्जिद में भाषण दिया। यह 1300 साल पुरानी मस्जिद दुनिया की सबसे प्राचीन मस्जिदों में से है। CNN के मुताबिक जुलानी ने अपने भाषण में कहा कि दमिश्क में विद्रोहियों की जीत से पांच दशकों से कैद लोगों को आजादी मिली है। मिडिल ईस्ट में एक नया इतिहास लिखा गया है। अब सीरिया की जनता ही असली मालिक है। जुलानी ने कहा कि सीरिया में किसी से बदला नहीं लिया जाएगा। सीरिया, सभी सीरियाई लोगों का है। जुलानी ने अपने भाषण में असद को अलावी (शिया) और खुद को सुन्नी जताने की कोशिश की। जुलानी ने ईरान से कहा कि सीरिया में अब उनका हस्तक्षेप खत्म हो गया है। अब सीरिया की सरकार ईरान के इशारे पर नहीं चलेगी। ईरान सीरिया की जमीन से लेबनान तक नहीं पहुंच सकता। हमारे देश में अब ईरान के हथियार नहीं दिखेंगे।