Saudi Arab का ऐतिहासिक कदम: Mecca-Medina में विदेशी निवेश को मिली हरी झंडी

सऊदी अरब ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गैर-सऊदी निवेशकों को मक्का और मदीना में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश करने की अनुमति दे दी है। कैपिटल मार्केट अथॉरिटी (CMA) के अनुसार, यह नियम 27 जनवरी से प्रभावी होगा, जिससे विदेशी निवेशक शेयर और परिवर्तनीय ऋण साधनों में निवेश कर सकेंगे।

आर्थिक मजबूती की ओर बढ़ता सऊदी अरब

हालांकि, मक्का और मदीना में गैर-मुसलमानों के लिए प्रत्यक्ष संपत्ति स्वामित्व पर प्रतिबंध जारी रहेगा। लेकिन इन पवित्र शहरों में निवेश को स्थिर और सुरक्षित मानने वाले अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए यह एक बड़ा अवसर होगा।

हर साल लाखों हज और उमराह तीर्थयात्री मक्का और मदीना आते हैं, जिससे होटल, रियल एस्टेट और अन्य सेवाओं को स्थायी आय मिलती है। सऊदी अरब इस पहल के माध्यम से अपनी गैर-तेल आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है।

तेल पर निर्भरता कम करने की कोशिश

सऊदी अरब वर्तमान में अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता देने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि तेल राजस्व पर इसकी निर्भरता बनी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, सऊदी अरब को अपने बजट संतुलन के लिए $96 प्रति बैरल की तेल कीमत की आवश्यकता है, जो वर्तमान कीमत से लगभग $20 अधिक है।

देश ने हाल के वर्षों में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक सुधार किए हैं, लेकिन अधिकांश अंतरराष्ट्रीय निवेशक अब भी सऊदी अरब के कर्ज में अधिक रुचि दिखा रहे हैं।

वैश्विक निवेशकों की दिलचस्पी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के $12 बिलियन बांड के लिए निवेशकों की बोलियां $30 बिलियन से अधिक हो गईं, जबकि 2024 में सऊदी अरब ने $17 बिलियन के अंतरराष्ट्रीय बांड बेचे, जो उभरते बाजारों में रोमानिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा।

क्या होगा प्रभाव?

इस निर्णय से सऊदी अरब को विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और मक्का-मदीना के रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं। निवेशकों के लिए यह एक स्थिर और आकर्षक अवसर होगा, जिससे सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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