Russia ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि उसने कैंसर के खिलाफ mRNA तकनीक पर आधारित वैक्सीन तैयार कर ली है। इस वैक्सीन को 2025 से रूसी नागरिकों को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। Russia का दावा है कि यह सदी की सबसे बड़ी वैज्ञानिक खोजों में से एक है।
mRNA वैक्सीन: कैंसर के खिलाफ हथियार
mRNA या messenger-RNA इंसानों के जेनेटिक कोड का एक हिस्सा है, जो शरीर की कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने के निर्देश देता है। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य शरीर में वायरस या बैक्टीरिया के हमले के दौरान प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) को मजबूत करना है। mRNA तकनीक पर आधारित यह कैंसर की पहली वैक्सीन है, जो ट्यूमर के विकास को रोकने में सक्षम है।
इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल सफल रहे हैं और इसके सकारात्मक परिणामों से वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह कैंसर के इलाज में नई क्रांति ला सकती है।
Russia का दावा: Putin ने जताई थी उम्मीद
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने बताया कि वैक्सीन को विकसित करने में वर्षों का शोध लगा है। इससे पहले, राष्ट्रपति Vladimir Putin ने 2023 की शुरुआत में यह घोषणा की थी कि Russia कैंसर की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब है।
भारत में कैंसर की स्थिति
भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। Indian Council Of Medical Research (ICMR) के अनुसार, देश में 2022 में 14.13 लाख नए कैंसर केस दर्ज हुए। इनमें 7.22 लाख महिलाएं और 6.91 लाख पुरुष शामिल थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 5 वर्षों में कैंसर के मामलों में 12% की वृद्धि हो सकती है। खासतौर पर कम उम्र में कैंसर के मामले बढ़ना चिंता का विषय है। ब्रेस्ट, मुंह, गर्भाशय और फेफड़ों के कैंसर के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं।
कैंसर बढ़ने की वजहें
विशेषज्ञों के अनुसार, कैंसर के बढ़ने के पीछे अनियमित जीवनशैली, खानपान और पर्यावरणीय कारक मुख्य वजहें हैं। 50 साल की उम्र से पहले ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और थायरॉइड कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
क्या बदल सकता है यह वैक्सीन?
रूस की इस नई वैक्सीन से दुनिया भर में कैंसर के इलाज में नई उम्मीदें जगी हैं। यदि यह वैक्सीन बड़े पैमाने पर कारगर साबित होती है, तो कैंसर के इलाज की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम होगा।
निष्कर्ष
रूस की कैंसर वैक्सीन ने चिकित्सा जगत में नई क्रांति का संकेत दिया है। यदि इसे वैश्विक स्तर पर अपनाया गया, तो यह लाखों लोगों की जान बचाने में मददगार साबित हो सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि रूस इस वैक्सीन को अपने नागरिकों के बाद दुनिया के अन्य हिस्सों में कैसे और कब उपलब्ध कराता है।