कूटनीतिक दृष्टि से बेहद सफल रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा कूटनीतिक लिहाज से बेहद सफल रही है। भारत अलग-अलग मंचों पर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में कामयाब रहा। चाहे अमेरिका या अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता हो या क्वाड मंच पर हिंद प्रशांत क्षेत्र से जुड़ी चिंताएं हों अथवा फ्यूचर समिट में वैश्विक शासन में सुधारों से जुड़े मुद्दे! सब पर भारत ने मजबूती से अपनी बात रखी और दुनिया का ध्यान खींचा।

समिट ऑफ द फ्यूचर में दुनियाभर से आए नेताओंको किया संबोधित

पीएम मोदी ने अपने अमेरिका दौरे के आखिरी दिन संयुक्त राष्ट्र में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधन किया। दुनियाभर से आए नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,“नमस्कार! मैं संयुक्त राष्ट्र में 1.4 अरब भारतीयों या मानवता के छठे हिस्से की आवाज को उठाता हूं। आज जब हम वैश्विक भविष्य पर चर्चा कर रहे हैं, हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।”

अपने पांच मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि बीते साल नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना इस दिशा में एक अहम कदम था। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, खाद्य व सेहत सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

भारत स्थायी सदस्यता का हकदार

पीएम मोदी ने कहा, शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है। भारत 15 देशों की सुधार परिषद में सुधार के लिए चल रहे प्रयासों में सबसे आगे रहा है। वह सही मायने में परिषद में स्थायी सदस्यता का हकदार है। भारत आखिरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य के रूप में इसमें शामिल हुआ था।

वैश्विक डिजिटल शासन की जरूरत

पीएम मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए वैश्विक स्तर पर संतुलित विनियमन की जरूरत है। हमें एक ऐसा वैश्विक डिजिटल शासन चाहिए जो सुनिश्चित करे कि राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता बरकरार रहे। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एक पुल होनी चाहिए, न कि बाधा! भारत दुनिया की भलाई के लिए अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को पूरे विश्व के साथ साझा करने के लिए तैयार है। जून में अभी-अभी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है। मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं। जब हम ग्लोबल फ्यूचर के बारे में बात कर रहे हैं तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सर्वप्रथम होना चाहिए। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए, हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करना होगा। हमने भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर यह दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।

आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा

संयुक्त राष्ट्र में समिट ऑफ द फ्यूचर में पीएम मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। जबकि साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र संघर्ष के नए मोर्चे के रूप में उभर रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर वैश्विक कार्यवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है। हमें ऐसे वैश्विक डिजिटल शासन की आवश्यकता है जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा।

पीएम मोदी ने वियतनाम के राष्ट्रपति से की मुलाकात      

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने राष्ट्रपति टो लैम को नेतृत्व की बढ़ी हुई जिम्मेदारी संभालने के लिए बधाई दी और भारत-वियतनाम के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में निरंतर सहयोग की उम्मीद जताई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने इस महीने की शुरुआत में टाइफून यागी से हुए नुकसान और क्षति के मद्देनजर वियतनाम के साथ अपनी सहानुभूति और एकजुटता दोहराई है। इस दौरान राष्ट्रपति और महासचिव टो लैम ने ऑपरेशन सद्भाव के तकत भारत द्वारा आपातकालीन मानवीय सहायता और आपदा राहत की समय पर आपूर्ति के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच अटूट आपसी विश्वास, समझ और साझा हितों द्वारा चिह्नित गहरे सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों और बढ़ते रणनीतिक संबंधों के महत्व की पुष्टि की। पिछले महीने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह की भारत यात्रा को याद करते हुए उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने और दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की संभावनाओं पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा, “वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम से मुलाकात की। हमने भारत-वियतनाम मैत्री के पूर्ण आयाम पर चर्चा की। हम कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।”

नेपाल के प्रधानमंत्री से की मुलाकात

अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वहां न्यूयॉर्क में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मुलाकात की। ओली के इस साल जुलाई में नेपाल का प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद केपी शर्मा ओली बहुत खुश नजर आए और उन्होंने इसे बहुत अच्छी मुलाकात बताया।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का चीन के लिए झुकाव जगजाहिर है। वहीं, पहले कई बार अपने भारत विरोधी बयानों को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे हैं। इस बीच न्यूयॉर्क में दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब भारतीय सीमा को लेकर नेपाल के हालिया दावों के कारण रिश्तों में तनाव देखा गया है। नेपाल हाल ही में 100 रुपये के नए नोट छापने का ऐलान किया था जिस पर नेपाल का नया नक्शा अंकित होगा। इस नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को नेपाली सीमा के अंदर दिखाया गया है। भारत ने इस कदम की कड़ी आलोचना की थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर दोनों नेताओं ने भारत-नेपाल की सदियों पुरानी, बहुआयामी और विस्तारित साझेदारी को मजबूत करने के लिए आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

कुवैत के क्राउन प्रिंस के साथ पहली बैठक

प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबाह खालेद अल-हमाद अल-मुबारक अल-सबाह से एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह प्रधानमंत्री और कुवैत के क्राउन प्रिंस की पहली बैठक थी।

विदेश मामलों के मंत्रालय (एमईए ) के अनुसार, दोनों नेताओं ने अपने देशों के पारस्परिक लाभ के लिए द्विपक्षीय रिश्तों को गहराने और विविधीकृत करने के प्रति अपना समर्पण जताया। उन्होंने संतोष के साथ यह उल्लेख किया कि दोनों देश एक-दूसरे की ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा की जरूरतों का समर्थन कर रहे हैं। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने यह बताया कि भारत अपने द्विपक्षीय संबंधों को कुवैत के साथ सर्वाधिक महत्व देता है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंधों और लोगों के बीच गांठे गए निहत्थे संपर्कों का स्मरण किया। पीएम ने कुवैत में भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्राउन प्रिंस का धन्यवाद भी दिया, जो देश में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति से पीएम की तीन महीने में तीसरी बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात में हर हाल में रूस-यूक्रेन जंग का हल निकालने का आश्वासन दिया है। द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत संवाद और कूटनीति से शांति के लिए लगातार आवाज उठा रहा है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। भारत हमेशा इसमें भूमिका निभाने को तैयार है।

विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बताया कि यूक्रेन ने इस द्विपक्षीय बैठक की मांग की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध का जल्द से जल्द समाधान और क्षेत्र में शांति की स्थापना के लिए भारत प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत संवाद और कूटनीति से शांति के लिए लगातार आवाज उठा रहा है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। भारत हमेशा इसमें भूमिका निभाने को तैयार है।”

वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम अपने संबंधों को खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी-20 के साथ मजबूत बना रहे हैं। दूसरे शांति सम्मेलन की तैयारियों के साथ शांति फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं।”

Zeen is a next generation WordPress theme. It’s powerful, beautifully designed and comes with everything you need to engage your visitors and increase conversions.