कुवैत के सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को कुवैत पहुंचे। 43 साल बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा रहा। 22 दिसंबर यानी कुवैत दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री को सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद-जबर अल-सबा से यह सम्मान हासिल किया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय पीएम हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला यह 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेश शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रेटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

कुवैत की मीडिया एजेंसी कुना से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा-

कुवैत में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल मशीनरी और टेलीकम्युनिकेशन में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट लोकप्रिय है। भारत में विश्व स्तरीय सामान सस्ते दामों पर मैन्यूफैक्चर हो रहा है। व्यापार और वाणिज्य भारत-कुवैत संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। हमारी एनर्जी पार्टनरशिप हमारे बाइलेट्रल ट्रेड को मजबूत बनाती है।

दौरे के पहले दिन भारतीय मजदूरों से की मुलाकात

पीएम मोदी ने शनिवार को कुवैत में काम करने वाले भारतीय मजदूरों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मजदूरों से बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और साथ में नाश्ता भी किया। इससे पहले पीएम ने कुवैत में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया था। प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा-

43 साल के बाद भारत का कोई पीएम कुवैत आया है। आपको भारत से आना है तो 4 घंटे लगते हैं, प्रधानमंत्री को 4 दशक लग गए। कुवैत के लोगों को हर त्योहार मनाने की सुविधा है, लेकिन मैं आपको सेलिब्रेट करने आया हूं।

पीएम मोदी से पहले 1981 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। 4 दशक के बाद ये किसी भारतीय पीएम का पहला कुवैत दौरा है। मोदी का एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट पर स्वागत हुआ।

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें…

1. आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है

मोदी ने कहा कि आपमें से कितने ही लोग पीढ़ियों से कुवैत में रह रहे हैं। बहुत सारे लोगों का जन्म ही यहीं हुआ है। हर साल यहां रहने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है। आपने कुवैत के कैनवास पर भारतीय हुनर का रंग भरा है, यहां भारत के टैलेंट, टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशन का मसाला मिक्स किया है। मैं यहां सिर्फ आपसे मिलने नहीं आया हूं बल्कि आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के लिए यहां आया हूं।

2. भारतीय शिक्षक कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रहे

पीएम ने कहा कि मैंने यहां काम करने वाले भारतीय मजदूरों और कर्मचारियों से मुलाकात की। ये सभी यहां कंस्ट्रक्शन से जुड़े हैं। इसके अलावा बाकी लोग भी दूसरे सेक्टर में पसीना बहा रहे हैं। भारतीय समुदाय के डॉक्टर्स, नर्सें कुवैत के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत बड़ी शक्ति हैं। भारतीय शिक्षक कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रहे हैं, इंजीनियर्स कुवैत के नेक्स्ट जनरेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। जब भी मैं कुवैत की लीडरशिप से बात करता हूं तो वे आपकी खूब तारीफ करते हैं। कुवैत के नागरिक भी भारतीयों की मेहनत, ईमानदारी, स्किल की वजह से सम्मान करते हैं।

3. हमें वर्तमान ही नहीं, अतीत ने भी आपस में जोड़ा है

मोदी ने कहा कि आज भारत रेमिटेंस के मामले में सबसे आगे है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय आप सभी मेहनतकश साथियों को जाता है। देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं। देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं। भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का, व्यापार-कारोबार का है। भारत-कुवैत अरब सागर के दो किनारे पर बसे हैं। हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं, दिलों ने भी आपस में जोड़ा है। हमें वर्तमान ही नहीं, अतीत ने भी आपस में जोड़ा है।

4. हमारे बीच व्यापार 19वीं शताब्दी से जारी

पीएम ने कहा कि एक वक्त था जब कुवैत से मोती, अच्छी नस्ल के घोड़े भारत जाते थे। वहीं भारत से मसाले, कपड़े, लकड़ी कुवैत आती थीं। कुवैत का मोती, भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं हैं। आज भारत की ज्वेलरी की पूरी दुनिया में धूम है तो इसमें कुवैत की मोतियों का योगदान है। गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि किस तरह कुवैत से व्यापारी भारत आया करते थे। 19वीं शताब्दी में ही यहां से व्यापारी सूरत जाने लगे थे। तब सूरत कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था। कुवैती व्यापारियों ने गुजराती भाषा में अनेक किताबें भी पब्लिश की हैं। गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुंबई और बाकी जगहों पर पहचान बनाई।

5. कल्चर और कॉमर्स से बना रिश्ता नई बुलंदी पर जा रहा

पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत के बहुत सारे व्यापारियों ने आयात-निर्यात के लिए भारत के कई जगहों पर ऑफिस खोले हैं। 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए वैसे ही चलते थे जैसे भारत में चलते हैं। यानी यहां किसी दुकान से खरीदने पर भारतीय रुपए भी स्वीकार किए जाते थे। तब भारतीय करेंसी जैसे कि रुपया, पैसा, आना को कुवैती लोग जानते थे। जिस देश से जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं, जिससे हमारा वर्तमान जुड़ा है, वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों का यहां की सरकार का आभारी हूं। कुवैत के अमीर को उनके आमंत्रण के लिए धन्यवाद देता हूं। अतीत में कल्चर और कॉमर्स ने जो रिश्ता बनाया था वो आज ई सदी में नई बुलंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है।

6. भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत को नई ताकत दे सकता है

पीएम मोदी ने कहा कि हर सुख में साथ रहने की परंपरा हमारे आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद है। हमारे मकसद बहुत अलग नहीं हैं। जैसे कुवैत के लोग न्यू कुवैत बनाने में लगे हैं। भारत आज इनोवेशन पर बल दे रहा है। इकोनॉमी को मजबूत करने में लगा है। भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत को नई ताकत दे सकता है। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। ऐसे में भारत दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने की सामर्थ्य रखता है। इसके लिए भारत अपने युवाओं को स्किल डेवलपमेंट कर रहा है। भारत ने इसके लिए दो दर्जन देशों के साथ समझौते किए।

7. भारतीय कहीं भी हों, देश की कामयाबी में खुश होते हैं

मोदी ने कहा कि आप सभी भारत से आए, यहां रहे लेकिन भारतीयता को अपने दिल में संजो कर रखा है। कौन भारतीय होगा जिसे मंगलयान की सफलता पर गर्व नहीं होगा, जिसे चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग की खुशी नहीं हुई होगी…आज का भारत, एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। आज दुनिया का नंबर फिनटेक इकोसिस्टम भारत में है, तीसरा स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत में है। भारत दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है। बीते 10 साल में भारत ने जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा की दूरी से भी 8 गुना ज्यादा है।

8. भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है

पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे डिजिटल कनेक्टेड देशों में से एक है। छोटे-छोटे शहरों से लेकर गांवों तक हर भारतीय डिजिटल तकनीकि का इस्तेमाल कर रहा है। भारत में अब ये लग्जरी नहीं बल्कि आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हो चुका है। लोग चाय पीने, राशन मंगाने, फल खरीदने के लिए डिजिटल तरीके का इस्तेमाल करते हैं। बहत कम समय में डिलीवरी होती है और पेमेंट भी हो जाता है। डॉक्यूमेंट के लिए डिजी लॉकर, एयरपोर्ट के लिए डिजी यात्रा, यात्रा में समय बचाने के लिए फास्टैग है। भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है। ये तो अभी शुरुआत है। भारत ऐसे इनोवेशन की तरफ बढ़ने वाला है जो दुनिया को दिशा दिखाएगा। दुनिया के विकास का हब होगा। भारत दुनिया का ग्रीन एनर्जी हब होगा, फार्मा हब होगा, इलेक्ट्रॉनिक हब होगा। दुनिया के बड़े-बड़े इकोनॉमी सेंटर भारत में होंगे।

9. भारत दुनिया को हेल्दी लाइफस्टाइल सिखा रहा

पीएम ने कहा कि हम पूरे दुनिया को एक परिवार मानते हैं। भारत एक विश्वबंधु के रूप में दुनिया के भले की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया भी भारत की इस भावना को मान दे रही है। आज दुनिया अपना पहला वर्ल्ड मेडिटेसन डे मना रही है। ये भारत की हजारों सालों की परंपरा को ही समर्पित है। 2015 से दुनिया 21 जून को योग दिवस मना रही है। ये भी भारत की योग परंपरा को समर्पित है। आज भारत का योग दुनिया के हर रीजन को जोड़ रहा है। आज भारत की पारंपरिक मेडिसिन आयुर्वेद ग्लोबल वेलनेस को समृद्ध कर रहे है। सुपरफुड मिलेट्स हेल्दी लाइफ स्टाइल का आधार बन रहे हैं। नालंदा से लेकर आईआईटी तक का नॉलेज सिस्टम ग्लोबल सिस्टम का आधार बन रहा है। पिछले साल जी20 समिट के दौरान भारत मिडिल ईस्ट कॉरिडोर की घोषणा हुई थी। ये दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

पीएम ने प्रवासी भारतीयों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा-

नए साल का पहला महीना इस बार अनेक राष्ट्रीय उत्सवों का महीना होने वाला है। इसी साल आज से 10 जनवरी तक भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होगा। इसमें दुनिया भर से लोग आएंगे। इसके लिए आप सभी को आमंत्रित करता हूं। प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। आप इसमें शामिल होने भारत आएं और अपने कुवैती दोस्तों को भी लाएं।

दोस्ती के नए अध्याय की शुरुआत

पीएम मोदी का कुवैत दौरा दोस्ती का नया अध्याय शुरू करेगा। कुवैत में प्रवासी भारतीयों की संख्या भी अच्छी खासी है। भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है। इसके अलावा कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। दोनों देशों ने व्यापार और ऊर्जा समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।

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