बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार से तंग आकर हिंदुओं के सब्र का बांध टूट गया है। अब लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए अपने घरों से बाहर निकल आए हैं। शनिवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के कथित नरसंहार के खिलाफ ढाका और दुनिया के अन्य हिस्सों में हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया। भारत सरकार पड़ोसी मुल्क पर नज़र बनाए हुए है। इतना ही नहीं बांग्लादेश में मंदिरों को तोड़ने को लेकर लोगों में बहुत आक्रोश है। समुदाय के सदस्यों की हत्या के विरोध में ढाका में बड़ी संख्या में हिंदू बाहर निकले। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां थाम रखी थीं, जिन पर लिखा था कि ‘हिंदुओं को जीने का अधिकार है।’
इसी तरह चटगांव में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी स्थानीय अधिकारियों और विश्व संगठनों से सुरक्षा की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे। उन्होंने अपने मंदिरों की सुरक्षा की भी मांग की। इसके साथ ही लंदन और फिनलैंड सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई अंतरिम सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की अपील की। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। कुछ दिनों पहले छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों ने शेख हसीना के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया था।
भारत सरकार के बड़े पद पर तैनात एक सूत्र ने कहा कि ‘हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं। हम नागरिक सरकार से भी बात कर रहे हैं और पूरी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह अपमान और नरसंहार रुकेगा और सभी मंदिरों को विरासत की तरह संरक्षित किया जाएगा। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सरकार का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है।’