केरल की नर्स निमिषा पटेल को यमन में को फांसी की सजा सुना दी है। निमिषा को यमन के एक नागरिक की हत्या के आरोप में यमन के राष्ट्रपति रशीद मुहम्मद ने फांसी की सजा सुनाई है उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है। ऐसे में निमीषा के परिवार से भारत सरकार से ये कहा गया है कि उनके परिवार की निमिषा की हर संभव मदद की कोशिश सरकार की तरफ से की जा रही है।
निमिषा प्रिया साल 2008 में बेहतर कैरियर की तलाश में यमन गई वहाँ पर एक क्लीनिक में उन्होने काम करना शुरू किया। 2011 में निमिषा ने केरल के रहने वाले थॉमस से शादी की उनकी 21 साल की बेटी है। निमिषा को क्लीनिक से अच्छी आम्दनी नहीं हो रही थी इसलिए उन्होने अपना खुद का क्लीनिक खोलने की सोची लेकिन यमन में बाहरी नागरिकों को क्लीनिक खोलने की इजाजत नहीं है।
ऐसे में निमिषा ने एक लोकल शक्स मेहँदी की मदद से एक क्लीनिक खोला लेकिन निमिषा जिस क्लीनिक में पहले काम करती थी उसके मालिक को ये पसंद नहीं था ऐसे में उसने निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया। उसने निमिषा से ओनरडील पर दस्तखत करने का दबाव बनाया जिसमें मालिक के 33 फीसदी शेयर थे और मेंहदी का 67 फीसदी। मेहदी ने निमिषा की जिंदगी को नर्क बना दिया था। तलाल ने पहले निमिषा की मदद करने का भरोसा दिया। फिर उनके दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर उन्हें अपनी पत्नी दिखाया और उनका आर्थिक शोषण किया।
निमिषा ने कई बार मदद मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, तलाल ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इस प्रताड़ना के बीच निमिषा ने मेंहदी को बेहोश करने के लिए एक दवा दी, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई।
क्या है ब्लड मनी?
ब्लड मनी एक ऐसी प्रथा है, जिसमें हत्या के दोषी व्यक्ति को माफी दी जा सकती है, बशर्ते वह मृतक के परिवार को मोटी रकम मुआवजे के रूप में दे। यह रकम मृतक के परिजनों के साथ समझौते के तहत तय होती है।
निमिषा के परिवार ने ब्लड मनी जुटाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उनके वकील सुभाष चंद्रन ने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि अभी तक 40,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 38 लाख रुपये) की दो किश्तें दी जा चुकी हैं। इस रकम का इस्तेमाल मृतक के परिवार को मनाने और समझौता करने के लिए किया जा रहा है।