
सोमवार, 13 जनवरी की रात, जापान के दक्षिण-पश्चिमी क्यूशू क्षेत्र में 6.9 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, इसका केंद्र 30 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के बाद मियाज़ाकी और कोच्चि प्रांतों में 1 मीटर ऊंची सुनामी की संभावना को लेकर चेतावनी जारी की गई।
एनएचके के अनुसार, मियाज़ाकी शहर में 20 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी दर्ज की गई। अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह भूकंप नंकाई ट्रफ से संबंधित है, जिसके लिए पहले ही एक बड़े भूकंप की चेतावनी दी जा चुकी है।
जानें क्या है ‘Ring of Fire’

Ring of Fire, जिसे ‘प्रशांत अग्नि चक्र’ भी कहते हैं, प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित ज्वालामुखियों और भूकंप-क्षेत्रों की श्रृंखला है। यह घोड़े की नाल के आकार का इलाका लगभग 40,250 किलोमीटर लंबा है और यह कई विवर्तनिक प्लेट्स के मिलन बिंदुओं को दर्शाता है।
यह क्षेत्र 15 से अधिक देशों से होकर गुजरता है, जिनमें जापान, इंडोनेशिया, अमेरिका, रूस, और चिली जैसे देश शामिल हैं। रिंग ऑफ फायर को धरती का सबसे सक्रिय ज्वालामुखीय और भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है।
क्यों होता है यहां बार-बार भूकंप?
रिंग ऑफ फायर में भूकंप मुख्य रूप से विवर्तनिक प्लेट्स के खिसकने, टकराने और धंसने के कारण आते हैं। ये प्लेट्स जब फंस जाती हैं और अचानक मुक्त होती हैं, तो भूकंप का कारण बनती हैं।
जापान में, प्रशांत प्लेट, फिलीपीन प्लेट, ओखोटस्क प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच होने वाली गतिविधियां इसे भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील बनाती हैं।
ज्वालामुखी की अधिकता का कारण
रिंग ऑफ फायर में ज्वालामुखियों की संख्या भी अधिक है। इसका कारण सबडक्शन प्रक्रिया है, जिसमें भारी प्लेट हल्की प्लेट के नीचे धंस जाती है, और मैग्मा उत्पन्न होता है। यह मैग्मा सतह पर आकर ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनता है।