सुबह-सुबह उठकर घर से बाहर निकलें और कुछ मुस्कुराते हुए चेहरे दिख जाएं तो दिन बन जाता है। स्माइल को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का भी समाधान माना जाता है। लेकिन अगर आपको हंसने के लिए मजबूर कर दिया जाए तो? दरअसल, एक देश में ऐसा ही एक अजीबो-गरीब नियम लागू किया गया है। इसके अनुसार नागरिकों को दिन में कम से कम एक बार जरूर हंसना होगा। इस रिपोर्ट में जानिए कौन सा है यह देश और क्यों जारी किया गया ऐसा आदेश।
बिजनेस इंसाइडर वेबसाइट के अनुसार जापान वो देश है, जिसके एक प्रांत में ये विचित्र मगर कारगर कानून को पास किया गया है। पिछले हफ्ते जापान के यामागाटा पर्फेक्चर में प्रशासन ने अपने लोगों की सेहत की देखभाल करने का खास तरीका इजाद किया है। प्रशासन ने ये कानून बना दिया है कि अब लोगों को दिन में कम से कम 1 बार जरूर हंसना पड़ेगा। दरअसल, इस नियम को बनाने के पीछे एक रिसर्च है, जिसे हाल ही में वहां की यूनिवर्सिटी में किया गया है।
इस वजह से बनाया गया कानून
यामागाटा यूनिवर्सिटी की रिसर्च में ये दावा किया गया है कि हंसने से सेहत पर बहुत फायदा होता है। दिल की बीमारियां इससे कम होती हैं और इंसान की आयु भी बढ़ती है। इस कानून के तहत हंसने पर जबरदस्ती जोर नहीं दिया जा रहा है, हालांकि, इसके जरिए नागरिकों को दिनभर खुशहाल माहौल बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कानून के तहत कार्यस्थलों को भी हल्का-फुल्का माहौल बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अब हर महीने की 8वीं तारीख को हास्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
विपक्षियों ने किया कानून का विरोध
यह कानून कंजर्वेटिव लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने पेश और पारित किया। विपक्षी नेताओं ने इस कानून को लेकर आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कानून मौलिक मानवाधिकारों का हनन करने वाला है। जापान कम्युनिस्ट पार्टी के टोरू सेकी ने कहा कि हंसना या न हंसना हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है जो संविधान उपलब्ध कराता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह उन लोगों के साथ भेदभाव करता है जो किसी बीमारी की वजह से हंस नहीं सकते। लेकिन, कुछ संविधान विशेषज्ञों ने इसका समर्थन किया है।
मुस्कुराहट को नहीं माना गया हंसी
बता दें कि जिस स्टडी के आधार पर यह कानून लाया गया है उसे यामागाटा यूनिवर्सिटी ने साल 2019 में अंजाम दिया था। इसमें पता चला था कि जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार हंसते हैं उनमें कार्डियोवैस्क्युलर समस्याएं होने की संभावना कम देखी गई। रिसर्चर्स ने इसके लिए स्टडी में 40 साल या इससे कम उम्र के 17,152 लोगों को शामिल किया गया था। उल्लेखनीय है कि इसमें मुस्कुराने को या चुपचाप हंसने को हंसी के तौर पर नहीं रखा गया है। बता दें कि भारतीय योग में भी हंसने को कई बीमारियों का इलाज बताया गया है।