इजराइली सेना ने बीते शनिवार को कहा कि उसने बेरूत में शुक्रवार को किए गए एक हमले में हिज़बुल्ला के शीर्ष नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराया। यह हमला उस वक्त किया गया जब नसरल्लाह दहियेह स्थित अपने मुख्यालय में बैठक कर रहा था। हिज़बुल्ला ने भी अपने शीर्ष नेता की मौत की पुष्टि की है। हमले में दक्षीणी मोर्चे के कमांडर अली कार्की और उसके अन्य कमांडर भी मारे गए।
नसरल्लाह का खात्मा अंत नहीं है: हलेवी
इजराइली सेना के हिज़बुल्ला के साथ महीनों से जारी संघर्ष में इस घटना कोहिज़बुल्ला के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि नसरल्लाह अब दुनिया में आतंक नहीं फैला पाएगा! इजराइल के ‘चीफ ऑफ स्टाप’ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा कि नसरल्लाह का खात्मा अंत नहीं है। हलेवी के बयान से स्पष्ट है कि अभी और हमले किए जा सकते हैं। हलेवी ने कहा, हिज़बुल्ला के नेतृत्व को निशाना बनाकर हमला किए जाने की लंबे समय से योजना थी।
क्या है हिज़बुल्ला
हिज़बुल्ला का उजय कब हुआ, इसकी सटीक तारीख बताना मुश्किल है। लेकिन वर्ष1982 में फ़लस्तीनी चरमपंथियों के हमले के जवाब में दक्षीणी लेबनान में इजराइल की घुसपैट के बाद हिज़बुल्ला के संगठन का उदय हुआ था। उस समय चरमपंथी हमले का समर्थन कर रहे शिया नेताओं ने ‘अमाल आंदोलन’ से खुद को अलग कर लिया था। इन नेताओं ने एक नया संगठन ‘इस्लामिक अमाल’ का गठन किया। इस संगठन को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्यों द्वारा अच्छी खासी सैन्य और संगठनात्मक मदद मिली। ये संगठन सबसे प्रभावी और बड़े शिया मिलिशिया के तौर पर उभरा और आगे चलकर यही हिज़बुल्ला बना।
2006 में हिज़बुल्ला ने इजराइल के साथ 34 दिनों तक युद्ध किया था। नसरल्लाह लेबनान और पूरे अरब जगत में प्रतिष्ठित स्थिति में पहुंच गया था। नसरल्लाह ने हिज़बुल्ला को इजराइल के कट्टर दुश्मन के रूप में बदल दिया।
गरीब परिवार में हुआ था जन्म
बेरूत के शारशाबूक इलाके में नसरल्लाह का जन्म 1960 में एक गरीब शिया परिवार में हुआ था। इन्हें बाद में दक्षिण लेबनान में विस्थापित कर दिया गया था। धर्मशास्त्र के अध्ययन के दौरान वह शिया राजनीतिक और अर्धसैनिक संगठन ‘अमल आंदोलन’ से जुड़ा। बाद में वह हिज़बुल्ला के संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में उभरा।
जानिए कैसे हिज़बुल्ला का प्रमुख बना ‘नसरल्लाह’
1975 के लेबनानी गृह युद्ध के बाद नसरल्लाह सक्रिय हो गया था। फिर वह इजराइली कब्जे के विरोध में खड़ा हुआ। पहले वह शिया मिलिशिया का सदस्य बना और फिर हिज़बुल्ला में आ गया। हिज़बुल्ला के प्रमुख सैय्यद अब्बास मुसावी के दक्षीण लेबनान में इजराइली हेलीकॉप्टर हमले में मारे जाने के दो दिन बाद, फरवरी 1992 में नसरल्लाह महासचिव चुना गया था। वह तीन दशकों से अधिक समय से संगठन का नेतृत्व कर रहा था।
उसके नेतृत्व में ही हिज़बुल्ला मध्य पूर्व में सबसे शक्तिशाली समूहों में से एक बन गया। अमेरिका ने 1997 में हिज़बुल्ला को आतंकवादी संगठन घोषित किया। हिज़बुल्ला की लेबनान में सियासी पकड़ भी थी। 2018 के संसदीय चुनाव में हिज़बुल्ला को बड़ी जीत मिली थी। नसरल्लाह ने दावा किया था कि उसके पास एक लाख लड़के हैं।
इजराइल के खिलाफ मुस्लिम एकजुट हों: खेमेनेई
हिज़बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खेमेनेई को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। खेमेनेई ने शनिवार को एक बयान में कहा कि सभी मुस्लिमों को इस वक्त लेबनान और हिज़बुल्ला के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर इजराइल से जंग लड़नी होगी।
खेमेनेई ने ‘एक्स’ पर एक के बाद एक की गई पोस्ट में कहा कि इस क्षेत्र का भविष्य अब इस बात पर निर्भर है कि हम कितनी ताकत से इजराइल को रोक सकते हैं। हिज़बुल्ला इस अभियान में हमारा नेतृत्व कर रहा है। खेमेनेई ने कहा, लेबनान के लोग वो समय नहीं भूले हैं जब दमनकारी शासन के सैनिक बेरूत की तरफ़ बढ़ रहे थे और हिज़बुल्ला ने उन्हें रोका था। इस बार भी हड़पने वाले और दमनकारी दुश्मन को पछतावा होगा।
140 ठिकानों पर निशाना
इजराइली सेना ने शनिवार को कहा कि उसने बीते 24 घंटों में लेबनान में हिज़बुल्ला के 140 से अधिक ठिकानो पर हमला किया। इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने उन स्थानों को निशाना बनाया जहां लॉन्चर, इमारतें जिसमें हथियार जमा किए गए थे। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार रात किए गए हमलों में उसके 11 नागरिक मारे गए जबकि सौ से अधिक घायल हुए हैं।
‘बंकर बस्टर’ बम के इस्तेमाल का अंदेशा
इजराइली सेना ने इस्तेमाल किए गए बमों का ब्योरा नहीं दिया है लेकिन इन हमलों में शहर का बड़ा इलाका नष्ट हो गया। इजराइली सेना के पास बंकर बस्टर बम है जो भूमिगत लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए बनाए गए हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच के हथियार शोधकर्ता रिचर्ड वियर के मुताबिक, ये धमाके बंकर बस्टर श्रेणी के बम की तरह ही थे।
लेबनान की राजधानी में इस हमले के कारण संघर्ष के पूर्ण युद्ध में बदलने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लेबनान में हमलों में कम से कम 720 लोग मारे गए। मृतकों की संख्या में और वृद्धि होने की आशंका है।
रिजर्व सैनिकों की तैनाती
इजराइली सेना ने कहा कि वह लेबनान के साथ तनाव बढ़ने के बीच अतिरिक्त रिजर्व सैनिकों को तैनात कर रही है। इस दिशा में इजराइल ने प्रयास तेज कर दिया है।