एआई की गवर्नेंस और पारदर्शिता से भारत दुनिया में होगा सबसे आगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में वैश्विक गवर्नेंस को पारदर्शी एवं भरोसेमंद बनाने और विकाशसील व निर्धन देशों को भी प्रोध्योगिकी की इस नई क्रांति में शामिल करने का आहवाहन किया है। उन्होने एआई को वैश्विक समाज की भलाई और इस बारे में विश्व स्तर पर बेहतर सामंजस्य का आहवाहन किया। उन्होने यह आहवाहन पेरिस में तीसरी एआई एक्शन समिट में किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत सारी चीजों को बेहतर बना कर करोड़ों लोगों का जीवन बदल सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो के साथ इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एआई समिट को संबोधित करते हुए कहा कि एआई आज के समय की जरूरत बन गया है। भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा टैलेंट है। हमने डेटा को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की है और हम सरकार और प्राइवेट सेक्टर्स की मदद से आगे बढ़ रहे हैं। एआई का फ्यूचर बहुत अच्छा है और इससे सबकी भलाई जुड़ी हुई है। मशीनों की ताकत बढ़ने से कुछ लोग चिंता में हैं, लेकिन यह चिंतित होने वाली कोई बात नहीं है।

एआई सेक्टर में चीन की हालिया उपलब्धि के मद्देनजर इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है कि इससे पश्चिम के लोकतान्त्रिक देशों के बीच एआई के उद्भव से उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए कोई साझा रोडमैप निकलेगा। लेकिन पहले दिन की बैठक से स्पष्ट है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच ही एआई नियमन को लेकर काफी विभेद है। अमेरिका ने एआई पर बहुत ज्यादा नियमन का विरोध किया है।

भारत का ये प्लान करेगा अमेरिका-चीन को हैरान

भारत पूरी दुनिया में हर साल सबसे ज्यादा इंजीनियर्स तैयार करने वाले टॉप देशों में शुमार है। ऐसे में एआई को लेकर भारत सरकार ने भी गजब का प्लान बनाया है। ये ना सिर्फ भारत को एआई की दुनिया का किंग बनाएगा, बल्कि ये चीन और अमेरिका से भी आगे जाकर भारत को इस सेक्टर में अगवा बनने का मौका देगा।

भारत को एआई सेक्टर में आगे रखने के लिए IndiaAI Mission बनाया गया है। इसका बजट करीब 10,000 करोड़ रुपए है, जिसमें से बजट 2025 में सरकार ने 2000 करोड़ रुपए आवंटित भी कर दिए हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आईटी इंडस्ट्री अभी पूरी दुनिया के लिए एआई विकसित कर रही हैं। सबसे बड़ी बात उनके देश की करीब 60 प्रतिशत आईटी कंपनियों के पास एआई डेवलपमेंट से जुड़े प्रोजेक्ट हैं। ये सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों की कतार में भारत को खड़ा करता है।

गूगल की एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई के दम पर 2030 तक भारत की इकोनॉमी को 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक का फायदा पहुंचेगा। वहीं अगले 2 साल में एआई डेवलपमेंट की वजह से भारत में 1.2 लाख नौकरियां जेनरेट होंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एआई के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा एआई अब हमारी राजनीति, हमारे समाज, हमारी इकॉनमी, और हमारी सुरक्षा को प्रभावित करने लगा है। इस सदी में मानवता के कोड़ को एआई ही लिख रहा है। लेकिन यह मानव इतिहास के पहले की प्रोध्योगिक उपलब्धियों से अलग है। यह बहुत ही अप्रत्याशित स्तर पर विस्तारित हो रहा है और इसको अपनाने की गति तो इससे भी तेज है। इसमें एक दूसरे देशों पर निर्भरता भी काफी है। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि हम एक वैश्विक गवर्नेंस और इसके मानकों को स्थापित करें जो हमारे साझा मूल्यों पर आधारित हो और उत्पन्न चुनौतियों को दूर करें व भरोसा स्थापित करें।

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