हिंदुओं के खून से कब तक तृप्त होते रहेंगे बांग्लादेशी कट्टरपंथी मुस्लिम

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सोमवार को माफी मांगी। जिस तरीके से कथित आंदोलनकारियों ने अपने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अंतर्वस्त्रों का खुलेआम प्रदर्शन किया था, वह बेहद शर्मनाक घटना थी। इससे उन प्रदर्शनकारियों की मानसिकता को भांपा जा सकता है।

प्रश्न उठता है कि क्या वे सब सचमुच आंदोलनकारी हैं! आज बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो बर्बरता हो रही है, क्या उसको सिर्फ माफी मांग के समाप्त किया जा सकता है! हिंदू महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार पर अभी तक नोबल शांति पुरुस्कार विजेता मौन धारण कर बैठे थे। वैसे, सोमवार को माफी मांग कर मोहम्मद यूनुस ने शायद बांग्लादेशी हिंदुओं के जख्मों पर मरहम लगाया होगा। क्या पता शोषित हिंदू महिलाओं ने अपनी खोई हुई इज्जत वापस पा ली होगी!

गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एमएस हुसैन ने भी माना कि वे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा करने में विफल रहे। हुसैन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का कर्तव्य है। अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो जवाब देना होगा। यह हमारे धर्म का हिस्सा भी है कि हमें अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों से माफी मांगता हूं।

मोहम्मद यूनुस ने कहा कि देश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। पुलिस खुद अच्छी स्थिति में नहीं है, इसलिए मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अल्पसंख्यक भाइयों की रक्षा करें। वे भी हमारे भाई हैं और हम सभी एक साथ बड़े हुए हैं।

बांग्लादेश के गोपालगंज शहर और ह्यूस्टन में सोमवार को हिंदुओं पर हुए हमलों के खिलाफ हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा। लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई और देश के विभिन्न हिस्सों में अल्पसंख्यक समुदायों पर हुए अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन किया।

गोपालगंज के बंगबंधु रोड पर धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के बैनर तले रैली आयोजित की गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा, हिंदुओं के मंदिरों, घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। ह्यूस्टन में ‘बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाओ’ प्रदर्शन का आयोजन ‘ग्लोबल वॉयस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज’ ने किया।

बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति से पड़ोसी देश होने के नाते भारत चिंतित है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही अत्याचार की घटनाएं रूह कंपा रही हैं। कट्टरपंथी मुसलमानों की भीड़ मंदिरों को

तहस-नहस करके, हिंदू महिलाओं की इज्जत लूटकर, घरों को जलाकर तथा उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले कर न जाने कैसा आंदोलन कर रही है जिसके परिणाम में सिर्फ लूट-मार और हिंसा है।

आखिर इस नफरत का प्रादुर्भाव कैसे हुआ! जिसके कारण वहां के कट्टरपंथी मुस्लिम हिंदुओं के खून की होली,उनके घरो-मंदिरों को जलाकर तथा हिंदू मां, बहन-बेटियों की चीख की गूंज से दिवाली मना रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बांग्लादेश के हालात पर नजर रखने के लिए एक समिति का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि बीएसएफ के ईस्टर्न कमांड के एडीजी को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

अमित शाह ने लिखा, “मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए समिति गठित की। सरकारी समिति भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में अधिकारियों के संपर्क में रहेगी। भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए सरकारी समिति का नेतृत्व बीएसएफ की पूर्वी कमान के एडीसी करेंगे।”

Zeen is a next generation WordPress theme. It’s powerful, beautifully designed and comes with everything you need to engage your visitors and increase conversions.