Bangladesh के चटगांव कोर्ट ने गुरुवार को हिंदू मठाधीश और पूर्व ISKCON साधु Chinmoy Krishna Das ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह सुनवाई कड़ी सुरक्षा के बीच हुई।
जमानत याचिका खारिज
चटगांव मेट्रोपॉलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने 30 मिनट की सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में चिन्मय कृष्ण दास की ओर से सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों की टीम ने पक्ष रखा, लेकिन उनकी दलीलें अदालत को संतुष्ट नहीं कर सकीं।
पृष्ठभूमि
25 अक्टूबर 2024 को चटगांव में कथित तौर पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर केसरिया झंडा फहराने के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 25 नवंबर को उनकी गिरफ्तारी के साथ ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
27 नवंबर को चटगांव कोर्ट परिसर के बाहर उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक वकील की मौत हो गई। इस घटना के बाद हिंसा और गिरफ्तारियों का सिलसिला बढ़ गया।
अन्य गिरफ्तारियां और ISKCON पर हमले
ISKCON कोलकाता ने दावा किया कि 29 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए दो अन्य साधु, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी, को भी हिरासत में लिया गया। इसके साथ ही, बांग्लादेश में एक ISKCON केंद्र पर तोड़फोड़ की घटना भी सामने आई है।
भारत ने जताई चिंता
भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों पर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने ढाका के साथ लगातार इस मुद्दे को उठाने की बात कही और कहा कि ऐसे घटनाक्रम दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।
चिन्मय के समर्थकों में आक्रोश
इस मामले ने न केवल बांग्लादेश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू समुदाय के बीच चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। अदालत का अगला फैसला क्या होगा, यह देखना बाकी है।