बांग्लादेश में ढाका हाईकोर्ट के इस्कॉन पर बैन लगाने से इनकार करने के बाद कट्टरपंथी समूहों ने शुक्रवार को भारी हंगामा किया। जुम्मे की नमाज के बाद देशभर की मस्जिदों में लाखों मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। सबसे बड़ा प्रदर्शन राजधानी ढाका और चटगांव में हुआ। प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन को हिंदू उग्रवादी संगठन और कट्टरपंथी व राष्ट्र-विरोधी समूह बताते हुए इस संगठन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इन रैलियों में कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम, खिलाफत मजलिस और इस्लामिक आंदोलन सहित कई धार्मिक आधारित संगठनों और राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।
इस बीच, अंतरिम सरकार के धार्मिक मंत्री खालिद हुसैन ने कहा-
“मौजूदा सरकार को मुश्किल में डालने की कोशिश में एक स्थानीय और विदेशी समूह बहुत सक्रिय है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी आंतरिक सद्भावना और शांति व्यवस्था किसी भी वजह से नष्ट न हो।”
खालिद हुसैन ने ये भी कहा कि वकील की हत्या में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह बात शुक्रवार सुबह चटगांव के लोहागरा में सैफुल इस्लाम की कब्र पर जाने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में कही।
चटगांव में 26 नवंबर को चिन्मय प्रभु के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान एक वकील की मौत हो गई थी। मारे गए वकील का नाम सैफुल इस्लाम उर्फ आलिफ था। वकील की मौत कैसे हुई, ये पता नहीं चल पाया है।
कौन हैं चिन्मय प्रभु
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वे चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को पीएम शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं हुईं। इसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन हुआ। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के जरिए चिन्मय प्रभु ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया इसमें हजारों लोग शामिल हुए।
बांग्लादेश सनातन जागरण मंच की 8 मांगें
1.अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध में शामिल लोगों पर तुरंत मुकदमा चलाने के लिए स्पेशल ट्रिब्यूनल बनाए जाए।
2. अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए एक कानून लागू हो।
3. अल्पसंख्यक समुदाय के पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास मिले।
4. अल्पसंख्यकों के लिए एक मंत्रालय का गठन हो।
5. कब्जाई गई मंदिर की संपत्तियों को वापस किया जाए।
6. स्कूल-कॉलेज और हॉस्टलों में अल्पसंख्यकों के लिए प्रार्थना स्थल बनाया जाए।
7. अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक संस्थानों को बढ़ाया जाए।
8. दुर्गा पूजा के लिए पांच दिन की सार्वजनिक छुट्टी मिले।
आइए इस्कॉन के विषय में जानते हैं…
- इस्कॉन एक धार्मिक संस्था है, जिसे हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में जाना जाता है।
- इस्कॉन की स्थापना 1966 में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने न्यूयॉर्क में की थी।
- इस्कॉन गौड़ीय वैष्णव या चैतन्य वैष्णव से जुड़ी एक धार्मिक संस्था है।
- इस्कॉन दुनिया भर में कृष्ण मंदिरों का निर्माण कराके कृष्ण भक्ति को बढ़ावा देता है।
- दुनिया भर में इस्कॉन के 850 से ज्यादा मंदिर, इकोविलेज और केंद्र हैं।
- भारत में इस्कॉन के 150 मंदिर और 12 राज्यों में इसके शैक्षिक संस्थान हैं।
- इस्कॉन के यूरोप में 135 मंदिर, अमेरिका में 56, कनाडा में 12, एशिया में 80, अफ्रीका में 69 मंदिर, सांस्कृतिक केंद्र हैं।
आइए जानते हैं कि बांग्लादेश में पिछले चार दिनों में क्या-क्या हुआ…
26 नवंबर
1.चटगांव में इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की जमानत खारिज हुई। इसके बाद कोर्ट परिसर के बाहर हिंसा भड़क गई। इसमें वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई।
2. चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत ने नाराजगी जाहिर की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए सही मांगें करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ मुकदमें चल रहे हैं।
27 नवंबर
1. बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई। याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं। ऐसे में इस संस्था को बैन किया जाए। इस अर्जी में चटगांव में इमरजेंसी घोषित करने की भी मांग की गई थी।
28 नवंबर
1. ढाका हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को खारिज कर दिया था। अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा-
“इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं। यह मुद्दा सरकार की प्राथमिकता है।”
2. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी गुरुवार को इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। हसीना ने कहा-
“सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है।”
3. इस्कॉन बांग्लादेश ने चिन्मय प्रभु से खुद को अलग कर लिया। महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा-
“अनुशासन भंग करने की वजह से चिन्मय को पहले ही संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया था। वह उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी नहीं लेते।”
29 नवंबर
1.इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की भारतीय शाखा ने कहा कि चिन्मय प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वे उनके अधिकार और बोलने की आजादी का समर्थन करते हैं। संगठन ने कहा-
“हमने खुद को चिन्मय प्रभु से दूरी नहीं बनाई है और न ही ऐसा करेंगे।“
2. बांग्लादेश में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी और हिंदुओं के हालात पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा-
“भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर अपना विरोध जताया है।”
बांग्लादेश में भले ही हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर बैन लगाने से इनकार कर दिया हो लेकिन इस पर संकट के बादल अब भी छाए हुए हैं। कट्टरपंथियों के दबाव में कार्रवाई कर रही अंतरिम सरकार में इस्कॉन पर बड़ी कार्रवाई की गई है। सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास और इस्कॉन के 16 सदस्यों के बैंक खाते जब्त कर लिए गए हैं। बांग्लादेश बैंक की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (BFIU) ने देश के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को इस संबंध में निर्देश भेजे हैं। BFIU के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
30 दिनों तक ट्रांजैक्शन सस्पेंड
देशभर के बैंकों को भेजे गए लेटर में कहा गया है कि जिन लोगों के खाते जब्त किए गए है, उनसे जुड़े सभी व्यवसायों के बैंक खाते भी निलंबित कर दिए जाएंगे। इस आदेश के अनुसार अगले 30 दिनों तक इनमें से कोई भी शख्स किसी भी तरह का लेन-देन नहीं कर पाएगा। BFIU ने कहा-
“अगर जरूरत पड़ी तो लेन-देन निलंबित करने की यह अवधि बढ़ा दी जाएगी।”
चिन्मय दास के अलावा इस्कॉन के 16 लोगों के बैंक खाते सीज़
चिन्मय कृष्ण दास के अलावा इस्कॉन बांग्लादेश के जिन 16 सदस्यों के बैंक खाते जब्त किए गए हैं, उनमें कार्तिक चंद्र डे, अनिक पाल, सरोज रॉय, सुशांत दास, विश्व कुमार सिंह, चंडीदास बाला, जयदेव कर्मकार, लिपि रानी कर्माकर, सुधामा गौड़ शामिल हैं। इसके अलावा लक्ष्मण कांति दास, प्रियतोष दास, रूपन दास, रूपन कुमार धर, आशीष पुरोहित, जगदीश चंद्र अधिकारी और सजल दास के खाते भी जब्त कर लिए गए हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्यवाई:BFIU
बांग्लादेश बैंक की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (BFIU) ने कहाहै कि ट्रांजैक्शन सस्पेंड करने के इस आदेश पर मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के प्रावधान लागू होंगे। वित्तीय खुफिया इकाई के पत्र में उन सभी लोगों के नाम और राष्ट्रीय पहचान पत्र शामिल हैं, जिनके खाते निलंबित कर दिए गए हैं। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भेजे गए पत्र में इन तमाम लोगों के खाते से संबंधित जानकारी या दस्तावेज जैसे खाता खोलने का फॉर्म, KYC और निलंबित खातों के लेनदेन की जानकारी दो दिनों के अंदर BFIU को देने के निर्देश भी दिए गए हैं।