अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प सरकार चलाने के लिए अपनी टीम का गठन करने में जुटे हैं। कुछ पदों की नियुक्तियों के बाद उन्होंने टेस्ला चीफ एलन मस्क और भारतवंशी उद्योगपति विवेक रामास्वामी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मस्क और रामास्वामी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी विभाग (DOGE) का नेतृत्व करेंगे। DOGE एक नया विभाग है, जो सरकार को बाहर से सलाह देगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे लेकर बयान जारी किया। ट्रम्प ने कहा कि डिपार्टमेंट 4 जुलाई 2026 तक काम करेगा।
ट्रम्प ने कहा-
“मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ये दोनों अद्भुत अमेरिकी मेरे प्रशासन के लिए नौकरशाही को खत्म करने, फिजूलखर्ची में कटौती करने, गैरजरूरी नियमों को खत्म करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का काम करेंगे। ये हमारे ‘सेव अमेरिका’एजेंडे के लिए जरूरी है।”
ट्रम्प ने DOGE विभाग को लेकर बयान में कहा कि नई व्यवस्था से सरकारी पैसे की बर्बादी करने वाले लोगों में हड़कंप मच जाएगा। रिपब्लिकन नेताओं ने लंबे समय से DOGE के मकसद को पूरा करने का सपना देखा है। यह हमारे समय का ‘द मैनहटन प्रोजेक्ट’ बन सकता है।
क्या था मैनहटन प्रोजेक्ट
यह अमेरिकी सरकार का एक प्रोजेक्ट था, जिसका मकसद ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर जर्मनी की नाजी सेना से पहले परमाणु बम विकसित करना था।
क्या है DOGE
सरकार की दक्षता बढ़ाने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नया विभाग बनाया है, जिसका नाम डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (DOGE) है। यह विभाग सरकारी कामकाज को आसान बनाना और खर्च कम करने के लिए काम करेगा। यह विभाग सरकार के अंदर बहुत सारे बदलाव लाएगा, जैसे कि अनावश्यक नियम-कानूनों को खत्म करना और सरकारी विभागों को बेहतर तरीके से चलाना। यह पहल ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के नारे के साथ सरकार को और कुशल बनाने की रिपब्लिकन की पुरानी इच्छा को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
DOGE एक अस्थायी एजेंसी होगी, जो सरकार को बाहर से सलाह और मार्गदर्शन मुहैया कराएगी। इसके पास बदलाव करने का कानूनी अधिकार भी नहीं होगा। आसान भाषा में कहें तो ये कोई आधिकारिक मंत्रालय नहीं है।ट्रम्प ने DOGE के लक्ष्यों के बारे में बताते हुए कहा कि ये हर साल लगभग 6.75 ट्रिलियन डॉलर के बजट में कटौती करने वाली है।
जानिए किन चीजों पर करेगा काम…
1- सरकारी नौकरशाही को खत्म करना।
2- बेकार के खर्चे में कटौती करना।
3- गैरजरूरी नियमों को खत्म करना।
4- सरकारी एजेंसियों का रीस्ट्रकचर करना।
मस्क-रामास्वामी को क्यों मिली ये जिम्मेदारी
दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्रम्प के कैंपेन में बड़ा रोल निभाया था। वह पहले ऐसे चर्चित बिजनेसमैन रहे, जिन्होंने खुल कर ट्रम्प के पक्ष में प्रचार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मस्क ने ट्रम्प के प्रचार में करीब 900 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया।
वहीं विवेक रामास्वामी दवा कंपनी के फाउंडर हैं। ट्रम्प के खिलाफ वह पार्टी के प्राइमरी चुनाव में उतरे थे। बाद में उन्होंने नामांकन वापस ले लिया और ट्रम्प को समर्थन दिया। इसके बाद से वे ट्रम्प के प्रचार-प्रसार में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं।
मस्क के अनुसार क्यों महत्वपूर्ण हैDOGE
मस्क ने कहा कि DOGE पूरी तरह से पारदर्शी होगा। उन्होंने कहा कि DOGE विभाग जो भी काम करेगा, वह सब लोग देख सकेंगे। मस्क ने लोगों से यह भी कहा कि वे सरकार के खर्च के बारे में कोई भी गलत काम या बर्बादी की जानकारी दें। वे सरकार के सबसे बेकार खर्च को दिखाने के लिए एक लिस्ट बनाएंगे, जिससे लोग देख सकेंगे कि सरकार का पैसा कैसे बर्बाद हो रहा है।
- मस्क ने कहा कि वे विभाग के जरिए सरकारी खर्च में कम से कम 2 ट्रिलियनडॉलर(168 लाख करोड़) की कटौती कर पाएंगे। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे असंभव बता रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, मस्क डिफेंस बजट या फिर सोशल सिक्योरिटी जैसे जरूरी प्रोग्राम में कटौती करते हैं, तभी वे ऐसा कर पाएंगे।
- मस्कनेसोशलमीडियापरइसप्रोजेक्टको‘अमेरिकाकाआखिरीमौका’बतायाहै।उन्होंने दावा किया कि इसके बिना देश दिवालिया हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि न्यूयॉर्क मेट्रोपोलियन ने फायर अलार्म के लिए साढ़े 6 करोड़ रुपए खर्च कर दिए।
- मस्क नेआरोप लगाया कि नेशनल इंस्टीट्यूटऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज ने ‘ट्रांसजेंडर बंदरों में HIV की रिसर्च करने के लिए’ 4 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए। यह फिजूलखर्ची है।
- मस्क ने कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए कामकाज कोऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा।जनता के टैक्स के पैसे किन मूर्खतापूर्ण योजनाओं पर खर्च हो रहे हैं, इसकी जानकारी अलग से दी जाएगी।
DOGE को कैसे लोग चाहिए
अमेरिका के नए नवेले विभाग DOGE को लोगों की जरूरत है। इसके लिए विभाग ने आवेदन मांगे हैं। इस विभाग में काम करने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर DOGE के अकाउंट से पोस्ट किया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में ही DOGE ने Xपर अपना अकाउंट क्रिएट किया है। जिस पर फॉलोअर्स की संख्या 14 लाख पहुंच गई है। इस विभाग में काम करने के लिए लोगों से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। लेकिन इस नौकरी के लिए जो शर्तें रखी गई हैं उसे पढ़कर लोगों के दिमाग के होश उड़ना तय है।
विभाग की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X.comपर की गई पोस्ट के अनुसार-
“हम उन लोगों के बहुत आभारी हैं जिन्होंने DOGE में अपना योगदान देने की इच्छा जाहिर की है। लेकिन अब हमें पार्ट टाइम कार्यकर्ताओं की और जरूरत नहीं है। हमें सुपर-आईक्यू वाले ऐसे क्रांतिकारी चाहिए जिनका विश्वास छोटी सरकार में है। वह हफ्ते में 80 घंटे काम करने के लिए तैयार हों।”
कहां करना है आवेदन
जो भी लोग इस काम के लिए तैयार हैं वह विभाग के एक्स अकाउंट के डीएम (डायरेक्ट मैसेज) में अपना सीवी भेज सकते हैं। फिलहाल DOGE को डायरेक्ट मैसेज करने के लिए एक्स का ब्लू टिक वेरिफिकेशन लेना पड़ेगा। इसके लिए आपको 8 पाउंड यानी लगभग 880 रुपये के सब्क्रिप्शन की जरूरत पड़ेगी। चुने गए शीर्ष एक फीसदी आवेदनकर्ता का रिव्यू खुद रामास्वामी और मस्क द्वारा किया जाएगा। आवेदन कोई भी कर सकता है।
विवेक रामास्वामी ने कहा-
“ये नौकरी, सरकारी नौकरी जैसी नहीं है जिसमें लोग बहुत कम या फिर काम ही नहीं करते। इसमें लोग भ्रष्ट तरीके से पैसा भी नहीं बना पाएंगे।”
मस्क ने लिखा-
“इस काम में कोई वेतन नहीं मिलेगा। यह एक उबाऊ काम होगा, जिसमें आपके बहुत से दुश्मन बन जाएंगे और इसके लिए पैसे भी नहीं मिलेंगे। इस अनपेड पोजिशन से अमेरिका को काफी मदद मिलेगी।”