पीएम मोदी को डोमिनिका और गुयाना ने सर्वोच्च सम्मान से किया सम्मानित, जानें भारत-गुयाना के मध्य हुए अहम समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 और 21 नवंबर को गुयाना की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना ने अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए कई नए क्षेत्रों की पहचान की है। पीएम मोदी ब्राजील में जी 20 समिट की बैठक के बाद बुधवार सुबह गुयाना पहुंचे थे। राजधानी जॉर्जटाउन में गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान और प्रधानमंत्री एंटनी फिलिप्स प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ करीब एक दर्जन कैबिनेट मिनिस्टर्स ने भी पीएम मोदी का स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ही उन्हें ‘गॉर्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया।

द डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित

पीएम मोदी को गुयाना में कैरिबियाई देश डोमिनिका ने ‘द डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया है। डोमिनिका के राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका को वैक्सीन पहुंचाने के लिए पीएम मोदी को यह अवॉर्ड दिया गया है।

गुयाना ने पीएम मोदी को सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा

गुयाना ने भी मोदी को अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ एक्सिलेंस’ से सम्मानित किया। उन्होंने अवॉर्ड सभी भारतीयों को समर्पित किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने कैरिबियाई देशों के प्रतिनिधियों के साथ दूसरे इंडिया-कैरिकॉम समिट में भी हिस्सा लिया। समिट के इतर प्रधानमंत्री ने कैरिबियाई देशों के प्रतिनिधियों से द्विपक्षीय चर्चाएं कीं। गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान के अलावा पीएम मोदी ने डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट और सूरीनाम के राष्ट्रपति चान संतोखी सहित अन्य नेताओं से औपचारिक बातचीत की।

बातचीत के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति इरफान ने लोगों को संबोधित भी किया। गुयाना के राष्ट्रपति ने कहा-

पीएम मोदी का यहां होना हमारे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। वे नेताओं के बीच चैंपियन हैं। मोदी ने शानदार लीडरशिप की है। विकासशील दुनिया को रोशनी दिखाई है। विकास का वो तरीका अपनाया है, जिसे कई लोग अपने देश में अपना रहे हैं।

56 साल में गुयाना पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति डॉ इरफान अली भारत और गुयाना के बीच समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के गवाह बने। पीएम मोदी ने कहा, “56 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का गुयाना की यात्रा पर आना हमारे संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुयाना के साथ मेरा निजी रूप से गहरा नाता रहा है। लगभग 24 वर्ष पहले एक सामान्य नागरिक के रूप में मुझे यहां आने का अवसर मिला था। भारत-गुयाना के संबंध कितने ऐतिहासिक और गहरे हैं उसकी झलक मैंने उस समय देखी थी। आज प्रधानमंत्री के रूप में एक बार फिर यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”

कौशल विकास में भारत का गुयाना को विशेष योगदान

पीएम मोदी ने कहा, “आज की बैठक में हमने अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए कई नई क्षेत्रों की पहचान की है। हमारे आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए हम लगातार प्रयास करते रहेंगे। गुयाना के लोगों की जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास और क्षमता निर्माण में भारत ने बहुत बड़ा योगदान दिया है।”उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष भारत द्वारा दिए गए बाजरा के बीज से हम गुयाना के साथ-साथ पूरे क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा बढ़ाने में अपना योगदान दे सके। उसी प्रकार से चावल मिलिंग, गन्ना, मक्का, सोया तथा अन्य फसलों की खेती बढ़ाने में भी हम योगदान करेंगे।”

पीएम मोदी ने किया पौधारोपण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत और गुयाना सहमत हैं कि सभी समस्याओं का सामाधान वार्ता और कूटनीति से होना चाहिए। हम एकमत हैं कि ग्लोबल संस्थान में सुधार आज के समय की मांग है। जलवायु न्याय हम दोनों के लिए प्राथमिकता का विषय है।”

इस दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने गुयाना में पौधारोपण भी किया।

संबोधन में पीएम मोदी की अहम बातें…

  • भारत ने गुयाना के लोगों को कौशल विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम इस सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।
  • भारत गुयाना के सैनिकों की क्षमता के विकास के लिए छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण के माध्यम से योगदान देना जारी रखेगा।
  • पिछले साल हमने खाद्य सुरक्षा में योगदान देते हुए मिलेट्स उपलब्ध कराए थे। अब अन्य फसलों की खेती में भी मदद करेंगे।
  • दोनों देशों के कृषि संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए MOUसाइन हुआ है।
  • भारत गुयाना में जन औषधि केंद्र खोलेगा।

गुयाना के राष्ट्रपति ने जताया पीएम मोदी का आभार

इस मौके पर गुयाना के राष्ट्रपति डॉ इरफान अली ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी, हम गुयाना में आपकी यात्रा के लिए बहुत आभारी और विनम्र हैं। मुझे प्रधानमंत्री मोदी का स्टेट हाउस में स्वागत करने का सम्मान मिला, हमारी चर्चा न केवल लाभदायक रही, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय एवं वैश्विक चिंताओं को सहयोगात्मक रूप से संबोधित करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच और कई क्षत्रों में सहयोग बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमने हाइड्रोकार्बन स्वास्थ्य, कृषि और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए। हमने बुनियादी ढांचे, शिक्षा, मानव पूंजी विकास और हमारी अर्थव्यवस्था के निरंतर विविधीकरण पर सहयोग पर आगे चर्चा की, भारत ने हमारे चीनी उद्योग में भी हमारा समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई है।”

नेचुरल गैस और ऑयल का भंडार है गुयाना

गुयाना 21 कैरिबाई देशों के ग्रुप कैरिकॉम (CARICOM) का सदस्य है। यह ग्रुप कैरिबियाई देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। गुयाना को कैरिबियन का अन्न भंडार भी कहा जाता है। वहीं, पनामा नहर के नजदीकी के कारण गुयाना की स्ट्रैटेजिक लोकेशन भी बढ़ जाती है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, गुयाना के पास लगभग 11.2 बिलियन बैरल ऑयल रिजर्व और 17 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस है। 2020 में नेचुरल गैस और ऑयल रिजर्व मिलने के बाद यहां प्रतिव्यक्ति आय 18,199 डॉलर से अधिक हो गई।

गुयाना-भारत संबंध

मई 1965 में गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन में भारतीय आयोग की स्थापना की गई थी। गुयाना को आजादी मिलने के दो साल बाद ही 1968 में इंदिरा गांधी ने यहां का दौरा किया। 1988 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और 2006 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत गुयाना की राजकीय यात्रा पर गए थे।

2023-24 में भारत-गुयाना का कुल आपसी ट्रेड 105.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। इस दौरान भारत ने गुयाना को 99.36 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया। मई 2024 तक, गुयाना लगभग 645,000 बैरल क्रूड ऑयल और गैस का उत्पादन कर रहा था। इसी के मद्देनजर ऑयल एंड नेचुरल गैस की शाखा ‘ONGC विदेश’ भी यहां लगातार मौके की तलाश रही है। इस साल की शुरुआत में भारत ने क्रूड ऑयल की सोर्सिंग समेत हाइड्रोकार्बन में सहयोग करने के लिए गुयाना के साथ पांच साल के MOU को मंजूरी दी है।

गुयाना के विदेश सचिव रॉबर्ट पर्सौड ने पीएम मोदी की गुयाना यात्रा को दुनिया की दो सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के बीच संबंधों में एक जरूरी माइलस्टोन बताया है। इस दौरे पर दोनों देशों के बीच ऊर्जा और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य सुरक्षा और हेल्थ व तकनीकि पर द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है।


Zeen is a next generation WordPress theme. It’s powerful, beautifully designed and comes with everything you need to engage your visitors and increase conversions.