बेल्जियम दुनिया का पहला ऐसा देश बना है जहां सेक्स वर्कर्स भी अब मैटरनिटी लीव ले पाएंगी। देश में एक दिसंबर से नया कानून लागू हुआ है जिसमें सेक्स वर्कर्स के पास सिक लीव, स्वास्थ्य बीमा और पेंशन पाने का अधिकार होगा और ये सब उनके रोजगार अनुबंध का हिस्सा होगा। नए कानून में सेक्स वर्कर्स को कई मामलों में कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। BBC के मुताबिक इस कानून के तहत सेक्स वर्कर्स को दूसरे कर्मचारियों के जैसे ही रोजगार और सिक्योरिटी देने की कोशिश की गई है।
जानिए कैसे हुआ कानून में बदलाव
बेल्जियम ने सेक्स वर्कर को लीगल करने का फैसला साल 2022 में हुए बड़े आंदोलन के बाद लिया था। महीनों तक देश में इसको लेकर प्रदर्शन हुआ था। कोविड के समय देश में सेक्स वर्कर्स की मदद करने में कमी की गई इसी को लेकर आवाज उठाई गई थी, जिसके नतीजे के तौर पर सेक्स वर्क को लीगल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था। इस आंदोलन में सबसे आगे रहने वालों में से एक विक्टोरिया थीं, जो बेल्जियम यूनियन ऑफ सेक्स वर्कर्स (यूटीएसओपीआई) की अध्यक्ष थीं और पहले 12 साल तक एस्कॉर्ट थीं। उनके लिए यह एक निजी लड़ाई थी। विक्टोरिया सेक्स वर्क को एक सामाजिक सेवा मानती हैं।
‘बेल्जियम यूनियन ऑफ सेक्स वर्कर्स’ की अध्यक्ष विक्टोरिया ने कहा-
“अगर कोई कानून नहीं है और आपकी नौकरी अवैध है तो आपकी मदद के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं होता है। अब नए कानून से सेक्स वर्कर्स को सिक्योरिटी मिलेगी।”
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कानून की सराहना की है। ह्यूमन राइट्स वॉच की एरिन किलब्राइड ने कहा-
“यह क्रांतिकारी कदम है। सेक्स वर्कर्स की सुरक्षा के लिए यह दुनिया भर में उठाया गया सबसे अच्छा कदम है।”
‘बेल्जियम यूनियन ऑफ सेक्स वर्कर्स’ ने नए कानून को सेक्स वर्कर्स के खिलाफ होने वाले कानूनी भेदभाव के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया है। लेकिन बयान में ये भी कहा गया है कि इसका इस्तेमाल सेक्स वर्क को कम करने या खत्म करने के लिए किया जा सकता है। यूनियन ने कहा है-
“पहले ही कुछ नगर निगम में ‘सुरक्षा’ और ‘साफ-सफाई’ शब्दों के जरिए बहुत सख्ती से स्थानीय नियम लागू हो रहे हैं। इसके कारण उन इलाकों में सेक्स वर्क लगभग असंभव बना हुआ है।”
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन की रिपोर्ट’ के मुताबिक, बेल्जियम के सांसदों ने सेक्स वर्कर्स के इन अधिकारों के लिए कई महीने में ही वोट किया था। इसके तहत उन्हें दूसरे नौकरीपेशा लोगों की तरह संरक्षण देना शामिल है। उन्हें आधिकारिक रूप से एम्पलॉयमेंट कॉनट्रैक्ट्स दिए जाएंगे। इसे सेक्स वर्कर्स के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहारों और शोषण को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
इन नियमों का करना होगापालन
- नएकानूनकेतहतसेक्सवर्कर्सकोरोजगारकाकॉन्ट्रैक्टमिलेगा।इसकेअलावाकामकेघंटोंऔरकार्यस्थलकीसुरक्षासेजुड़ेनियमोंकापालनकरनाहोगा।हरकमराजहांयौनकार्यहोगा, वोसाफ-सुथराहोनाचाहिए।इसकेअलावावहां एक अलार्म लगाना होगा जो वर्कर के रेफरेंस पर्सन से जुड़ा होगा।
- नए कानून के तहत सेक्स व्यापार को कंट्रोल करने वाले दलालों को कानूनी रूप से काम करने की अनुमति है, लेकिन उन्हें सख्त नियमों का पालन करना होगा।
- मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी जैसे मामलों में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सेक्स वर्कर रखने की अनुमति नहीं होगी।
फेमिनिस्टसंगठनोंने इस कानून की आलोचना की
जहां एक तरफ देश में इस कानून का समर्थन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसका विरोध भी हो रहा है। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ फेमिनिस्ट संगठनों ने इस कानून की आलोचना की है। जब 2023 में इसके लिए बिल लाया गया था, तब काउंसिल ऑफ फ्रैंकोफोन वीमेन ऑफ बेल्जियम ने कहा था-
“ये कानून जवान लड़कियों और तस्करी की पीड़ित लड़कियों के लिए नुकसानदायक होने वाला है।”
आलोचक ने कहा-
“सेक्स वर्क व्यापार तस्करी, शोषण और दुर्व्यवहार का कारण बनता है, जिसे यह कानून नहीं रोक पाएगा।”
गैर सरकारी संगठन इसाला की स्वयंसेवक जूलिया क्रुमियरे ने कहा-
“यह कानून खतरनाक है क्योंकि यह एक ऐसा पेशे को सामान्य बना देता है जो हमेशा से हिंसक रहा है।”
जुलिया क्रुमियरे का मानना है कि दुनिया में ऐसा कोई तरीका नहीं है जो सेक्स वर्क को सुरक्षित बनाता हो। उनका कहना है-
“हजारों महिलाएं लेबर अधिकार नहीं चाहती हैं बल्कि वो इस नौकरी से बाहर निकलना चाहती हैं और सामान्य जीवन गुजारना चाहती हैं।”
सेक्स वर्कर्स को क्या-क्या अधिकार देगा कानून
यह कानून सेक्स वर्कर्स को दूसरे कर्मचारियों की तरह ही सिक्योरिटी और अधिकार देगा। सेक्स वर्कर्स ग्राहकों को मना कर सकती हैं, एक्ट के लिए शर्तें रख सकती हैं और किसी भी समय एक्ट को रोक सकती हैं। इसके लिए उन्हें काम से निकाला नहीं जा सकता। वर्कर्स बिना किसी नोटिस के जब चाहे तब इस्तीफा भी दे सकती हैं।
इन देशों में सेक्स वर्क को मिला हैकानूनी दर्जा
जर्मनी
जर्मनी में सेक्स वर्क एक कानूनी पेशा है। यहां पर सभी सेक्स वर्कर्स के पास टैक्स आईडी नंबर होना जरूरी है। क्योंकि किसी भी अन्य कर्मचारी की तरह उन्हें भी अपनी आय पर टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, सेक्स वर्क को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम भी हैं। जर्मनी के कुछ शहरों में सेक्स वर्कर्स को सड़कों पर ग्राहक खोजने के लिए खड़े होने की अनुमति नहीं है।
फ्रांस
फ्रांस में सेक्स वर्क कानूनी है। हालांकि 2014 में नया कानून लागू किया गया जिसके तहत सेक्स के लिए पैसे देना अपराध है। ऐसा करने पर ग्राहकों पर 2 से 4 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ग्रीस
ग्रीस में भी सेक्स वर्क एक कानूनी पेशा है। अन्य लोगों की तरह सेक्स वर्कर्स को अपना मेडिकल बीमा भी कराना होता है।
तुर्की
यहां पर भी सेक्स वर्क कानूनी पेशा है। यहां पर सेक्स वर्कर्स के लिए खुद को पंजीकृत कराना और आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है।
ब्रिटेन
ब्रिटेन में भी सेक्स वर्कर्स के पास अधिकार है। गैर सरकारी संगठनों के विरोध के चलते वक्त के साथ कुछ नियम बदले गए हैं। मिसाल के तौर पर किसी सेक्स वर्कर की तलाश में रेड लाइट इलाके में धीमी गति पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है।
स्पेन
स्पेन में किसी अन्य व्यक्ति को देह व्यापार में धकेलना या उससे मुनाफा कमाना अपराध है। व्यक्ति अपनी इच्छा से इस पेशे में जुड़ सकता है। यहां भी वेश्यावृत्ति कानूनी पेशा है।
मैक्सिको और ब्राजील
लगभग सभी लैटिन अमेरिकी देशों में देह व्यापार की अनुमति है। हालांकि सुनियोजित रूप से सेक्स रैकेट चलाना अपराध है लेकिन फिर भी यहां ऐसा आम है।
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया
जहां पूरे न्यूजीलैंड में देह व्यापार की अनुमति है, वहीं पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग कानून हैं। न्यूजीलैंड में 2003 में बदले गए कानून के बाद से बालिगों के लिए यह व्यापार कानूनी हो गया है।
नीदरलैंड्स
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया शायद दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है। अन्य देशों से विपरीत, जहां लोग छिप छिपा कर रेड लाइट एरिया में जाते हैं। एम्सटर्डम में टूरिस्ट खास तौर से इस इलाके को देखने पहुंचते हैं।
अमेरिका
अमेरिका के नेवादा को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में देहव्यापार गैरकानूनी है। नेवादा अमेरिका का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां सेक्स वर्क को कानूनी मान्यता दी गई है। हालांकि, नेवादा की ही कई काउंटी में सेक्स वर्क गैरकानूनी भी है।