
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री Sheikh Hasina ने हाल ही में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए बांग्लादेश लौटने और अपने विरोधियों से बदला लेने का संकल्प लिया है। उन्होंने वर्तमान अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर देश में अराजकता फैलाने और आतंकवादियों को छोड़ने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा,
“मैं बांग्लादेश वापस आऊंगी और सुनिश्चित करूंगी कि पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिले।”
दूसरी ओर, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की अपील की है, ताकि उन पर ढाका में मुकदमा चलाया जा सके।
मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा,
“शेख हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश सरकार की पहली प्राथमिकता है। हम अपनी कोशिशों को जारी रखेंगे, ताकि उन पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जा सके। फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चला है हसीना ने अपने कार्यकाल के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध किए थे।”
“यह बांग्लादेश के लोगों और राजनीतिक दलों पर निर्भर है कि वे तय करें कि उनकी फासीवादी अवामी लीग राजनीति जारी रख पाएगी या नहीं, लेकिन हत्याओं, जबरन गायब किए जाने और अन्य गलत कामों में कथित रूप से शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
“पिछले हफ्ते जारी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चला है कि हसीना ने अपने कार्यकाल के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध किए थे।”
सरकारी बांग्लादेश संगबाद संस्था (BSS) ने शफीकुल आलम के माध्यम से कहा,
“संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट और अधिकार ग्रुप की कुछ रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद हसीना को बांग्लादेश वापस लाने के लिए भारत पर दबाव डाला गया है।”
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मौहम्मद तौहीद हुसैन ने भारत से अनुरोध किया है,
“यदि शैख हसीना का प्रत्यर्पण संभव नहीं है, तो कम से कम उन पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाएं, ताकि वे भड़काऊ और झूठे बयान न दे सकें।”
भारत में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 50.2% भारतीयों का मानना है कि शेख हसीना को भारत छोड़कर बांग्लादेश लौट जाना चाहिए। यह सर्वे इंडिया टुडे एनई की तरफ से आयोजित मूड ऑफ द नेशन शीर्षक के तहत किया गया।
सर्वे में 21.1% लोगों का मानना है कि भारत को हसीना को बांग्लादेश में प्रत्यर्पित करना चाहिए ताकि ढाका में वर्तमान सरकार के साथ संबंधों में सुधार हो सके। वहीं, 29.1% लोगों का मानना है कि हसीना को भारत में रहने के बजाय किसी अन्य देश में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारतवासियों के विचार
यह सर्वेक्षण इस बात दर्शाता है कि हसीना के भारत में रहने को लेकर जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग उन्हें भारत में शरण देने का समर्थन करते हैं, जबकि कुछ उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने या किसी तीसरे देश में भेजने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जबकि जनता का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से विभाजित है।