बांग्लादेश में मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद युनूस के नेत्रत्व वाली सलाहकार परिषद ने पूर्व पीएम शेख हसीना व उनके करीबी रिश्तेदारों को दी गई विशेष सुरक्षा हटाने के लिए विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2021 में संशोधन का फैसला किया है। अन्तरिम सरकार ने हसीना और उनके करीबी रिश्तेदारों को दी गई विशेष सुरक्षा गुरुवार को वापस लेने से कुछ दिन पहले ही उनके राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिये थे।
वर्तमान में हसीना पर बांग्लादेश में 75 से अधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से लगभग आधे मामलों में उन पर हत्या के आरोप लगाए गए हैं। मुख्य सलाहकार कार्यालय ने सलाहकार परिषद की बैठक के बाद कहा विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2021 पिछली सरकार के निर्णय के बाद लागू किया गया था। 15 मई 2015 को इस कानून के तहत हसीना और उनके करीबी रिश्तेदारों को विशेष सुरक्षा और लाभ प्रदान करने के लिए एक राजपत्र जारी किया गया।
सीएओ ने कहा कि यह कानून केवल एक परिवार के सदस्यों को विशेष राजकीय लाभ प्रदान करने के लिए बनाया गया था। जो सफतौर से भेदभाव पूर्ण है।उसने कहा अन्तरिम सरकार सभी प्रकार का भेदभाव खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। बदले हालात में मौजूदा कानून के अनुरूप बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के परिवार को लेकर अधिनियम में रखे गए प्रविधानों को लागू कर पाना फिलहाल संभव नहीं है।
मानवाधिकार हनन कि जांच करेगा यूएन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि वह इस गर्मी में पूर्व सरकार के खिलाफ छात्रों के नेत्रत्व में विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग से अधिकार हनन कि जांच करेगा। इसके लिए बांग्लादेश में उसकी एक तथ्य खोज टीम तैनात कि जाएगी। मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने कहा उन्हें अंतिरिम नेता मुहम्मद युनूस से टीम को बांग्लादेश भेजने का निमंत्रण मिला है। यह यात्रा आने वाले हफ्तों में होने वाली है।