
बांग्लादेश की अन्तरिम सरकार ने कहा कि छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के केस चलेगा। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) कि जांच एजेंसी में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें उन पर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया है।
एजेंसी के उपनिदेशक अताउर रहमान ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में पुलिस कि गोली बारी में मारे गए 9वीं के छात्र आरिफ अहमद के पिता बुलबुल कबीर ने शिकायत में शेख हसीना और अन्य पर 15 जुलाई से 5 अगस्त के बीच सामूहिक हत्याओं को अंजाम देने का आरोप लगाया है। शेख हसीना ने 5 अगस्त को देश छोड़ दिया था।
शिकायतों कि जांच के बाद एजेंसी आईसीटी बांग्लादेश में मामला दर्ज करेगी। आईसीटी का गठन 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तानी सैनिकों का साथ देने वाले बंगाली भाषी अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था। इससे पहले अन्तरिम सरकार ने कहा कि आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं कि सुनवाई अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण में कि जाएगी। हसीना सरकार गिरने के बाद से हिंसा में देश में 230 से अधिक लोग मारे गए।
सुप्रीम कोर्ट के वकील के अपहरण का आरोप
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके कैबिनेट के पूर्व मंत्रियों समेत अन्य कई लोगों पर सुप्रीम कोर्ट के वकील के अपहरण का आरोप लगाया गया। पीड़ित सुप्रीम कोर्ट के वकील सोहेल राणा ने शेख हसीना और उनके मंत्रीयों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। वकील ने बताया कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद जबरन वाहन में डाल दिया गया और फिर इलेक्ट्रिक के झटके भी दिए गए थे।
इन मंत्रियों के खिलाफ भी केस दर्ज
ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट फरजाना शकीला सुमू चौधरी की अदालत ने आरोपों को एक मामले के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया। इस मामले के अन्य आरोपियों में शेख हसीना कैबिनेट के पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) शाहिदुल हक, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) के पूर्व महानिदेशक बेनजीर अहमद और आरएबी के अज्ञात 25 लोगों का नाम शामिल हैं।