
टैरिफ लगाने को लेकर बार-बार चेतावनी के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के खिलाफ पहला और बड़ा ऐक्शन ले लिया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने चार भारतीय कंपनियों पर बैन लगा दिया है। बैन लगाने के बाद अब ये भारतीय कम्पनियां अमेरिका में व्यापार नहीं कर पाएंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ईरान को कमजोर करना चाहता है।
अमेरिका चाहता है कि ईरान उसके आगे घुटने टेक दें इसी के मद्देनजर अमेरिका ने ईरान कि पेट्रोलियम और पेट्रो केमिकल इंडस्ट्री से जुड़ी 16 कंपनियों को भी प्रतिबंधित कर दिया है। जिन कंपनियों पर अमेरिका की ओर से ये बैन लगाया गया है उन सभी का जुड़ाव ईरान के तेल उढ्योग से है जिसमें चार भारतीय कम्पनियां भी शामिल हैं। ये कदम अमेरिकी प्रशासन के ईरान पर प्रतिबंधों को और कडा करने के अभियान का एक हिस्सा है।
यूनाइटेड किंगडम ने सोमवार को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के तीन साल पूरे होने पर रूस के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा प्रतिबंध लगाया है। इसमें मास्को को सैन्य आपूर्ति करने के लिए भारतीय कंपनी इनसिया इम्पेक्स प्रा. लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके तहत मशीन उपकरण, हथियारों में इस्तेमाल किए जाने वाले माइक्रोप्रोसेसर समेत रूसी सेना के लिए इलेक्ट्रानिक और दोतरफा प्रयोग वाले सामानों के निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं को निशाना बनाया गया है। इनमें तुर्किये, थाइलैंड, भारत और चीन शामिल हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 फरवरी को एक नेशनल सिक्योरिटी मेमोरेंडम जारी किया था। इसमें अधिकारियों को मध्य पूर्वी देश पर दबाव बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। ईरान के तेल निर्यात को टारगेट करने वाले प्रतिबंधों का यह दूसरा दौर है। इस कार्रवाई के तहत संयुक्त अरब अमीरात, चीन और हांगकांग सहित कई देशों के 30 से अधिक व्यक्तियों और जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ईरान अपनी तेल बिक्री को बढ़ावा देने और अपनी अस्थिरकारी गतिविधियों के लिए जहाजों, शिपिंग कंपनियों और दलालों के एक गुप्त नेटवर्क पर निर्भर है।
भारत की प्रतिक्रिया
बेसेंट ने कहा कि अमेरिका ईरान की ऑयल सप्लाई चेन के सभी पहलुओं को टारगेट करने के लिए अपने सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा और जो कोई भी ईरानी तेल का व्यापार करता है वह खुद को महत्वपूर्ण प्रतिबंधों के जोखिम में डालता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत, ईरान, मलेशिया, सेशेल्स और संयुक्त अरब अमीरात की 8 कंपनियों को भी डेजिगनेट किया है। ये कंपनियां ईरानी तेल के व्यापार में कथित रूप से शामिल हैं। इन कंपनियों से जुड़े 8 जहाजों को ब्लॉक्ड प्रॉपर्टी के रूप में क्लासिफाई किया गया है। भारत ने अभी तक आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।