मकर संक्रांति महाकुंभ: किन्नर अखाड़े का योगदान

किन्नर अखाड़े का ऐतिहासिक स्नान

मकर संक्रांति पर किन्नर अखाड़े के साधुओं ने संगम में डुबकी लगाई और समृद्धि की प्रार्थना की।

किन्नर अखाड़े की रथ यात्रा

किन्नर अखाड़े और ट्रांस समुदाय के सदस्य 51 रथों के साथ संगम पहुंचे और अमृत स्नान में भाग लिया।

संगम में स्नान

किन्नर अखाड़े ने संगम में स्नान कर देश की उन्नति के लिए आशीर्वाद दिया।

किन्नर अखाड़े की परंपराएं

साधुओं ने पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन किया और ‘हर हर महादेव’ का उद्घोष किया।

किन्नर अखाड़े का समाज में महत्व

अखाड़ा महाकुंभ में भाग लेकर समाज में सकारात्मक संदेश फैलाता है।

आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का संदेश

आचार्य त्रिपाठी ने समाज की भलाई और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

किन्नर समुदाय की आध्यात्मिक पहचान

किन्नर समुदाय का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।

किन्नर अखाड़े की स्थापना

किन्नर अखाड़े की स्थापना 2015 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने की, जो ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करती है।