सेना दिवस 2025: वीरता, नवाचार और गौरव का उत्सव 

ऐतिहासिक शुरुआत 

1949 में लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करिअप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने। 

पहली बार पुणे में आयोजन 

यह National Defense Academy और Southern Command मुख्यालय का केंद्र है। 

रोबोटिक खच्चरों (Mules) का प्रदर्शन

परेड में दिखे अत्याधुनिक ‘रोबोटिक खच्चर’ (mules)।  

महिला अग्निवीरों की भागीदारी 

परेड में दिखे अत्याधुनिक ‘रोबोटिक खच्चर’ (mules)।  

वीरों का सम्मान 

साहसी सैनिकों को उनके बलिदान और निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित किया जाएगा। 

सेना दिवस का महत्व 

यह दिन हमारे सैनिकों की बहादुरी और समर्पण की याद दिलाता है। 

सैनिकों को सलाम 

हम सभी को सेना के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करना चाहिए।