उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यना ने तेज बारिश के दृष्टिगत संबंधित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नज़र रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें। उन्होने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशुहानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए हैं कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर शासन को आख्या उपलब्ध कराई जाए ताकि इस संबंध में अग्रेतर कार्यवाही की जा सके।
नेपाल ने छोड़ा 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में तेजी लाने, पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश के बाद अतिसंवेदनशील और संवेदनशील जिलों के अधिकारी हरकत में आ गये हैं। सीएम योगी के निर्देश के बाद अधिकारी अपने जिलों में बाढ़ की स्थितियों पर लगातार नजर बनाए रखे हैं। इसी क्रम में नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। इस दौरान कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 20 मवेशियों को भी बचाया गया। वहीं सीएम योगी ने नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ का कहर
इसके साथ ही सीएम योगी ने शासनस्तर के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त फसल की सर्वे रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया है। हालांकि अभी इन जिलों में स्थिति सामान्य है, जबकि कुछ ही इलाकों में फसलों को नुकसान हुआ है। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि शनिवार रात करीब 8 बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को श्रावस्ती के तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में नेपाल से अचानक छोड़े गये पानी में 11 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिसमें तीन बच्चे, पांच महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थे ।
सूचना मिलते ही तत्काल श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर पहुंचे. जिला प्रशासन एवं फ्लड पीएसी की टीमों ने ज्वॉइंट रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और लगभग आठ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
देवीपाटन मंडल में 400 लोगों को किया गया रेस्क्यू
इसके बाद सभी का चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार भी कराया गया। साथ ही सभी पीड़ितों को राप्ती बैराज स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचाया गया। देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि लाल भूषण सुशील ने बताया कि सभी पीड़ितों का प्राथमिक उपचार और खाना खिलाने के बाद उन्हे उनके गांव में सुरक्षित भेज दिया गया।
उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के दौरान करिका 10 वर्ष, मिन्नी 12 वर्ष, रीता 25 वर्ष, शेरू 8 वर्ष, अर्चना 17 वर्ष, कमला देवी 40 वर्ष, शान्ति देवी 50 वर्ष, सकटराम 18 वर्ष, रेखा देवी 28 वर्ष, नन्दन 30 वर्ष और राम उजागर 50 वर्ष को सुरक्षित निकाला गया। वहीं रविवार को बाढ़ से प्रभावित 18 गांव के करीब 400 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जहां पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
बाढ़ से प्रभावित हुआ कुशीनगर का नारायणपुर
राहत आयुक्त ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद देवघाट बैराज से 5,71,850 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली। इस पर कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को बड़ी गंडक में बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना पर तहसील खड्डा के गांवों के प्रभावित होने की तत्काल जानकारी दी गयी।
इसके बाद कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अपनी टीम के साथ तहसील खड्डा के प्रभावित 13 गांवों का निरीक्षण किय। साथ ही गांववासियों से गांव को खाली करने की अपील की। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान तहसील खड्डा के नारायणपुर के एक टापू पर कुछ लोगों के साथ मवेशियों के फंसे होने की जानकारी मिली। जिसके बाद एनडीआरएफ और पीएसी की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
20 मवेशियों की बचाई गई जान
रेस्क्यू टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद 76 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा। इस दौरान टीम ने 20 मवेशियों को भी सुरक्षित बचाया. वहीं बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। यह पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है इसके साथ ग्रामीणों के मवेशियों के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं।