किसान बड़ी मेहनत करके खेतो से अनाज पैदा करते है, लेकिन जब बात आती है अनाज बेचने की तो किसान समेत व्यापारियों को भी अनाज बेचने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। लेकिन अब किसान अपने मोबाईल फोन से ही अनाज की खरीदी-बिक्री कर सकते है। इसके लिए आपकी मदद करेगा ई-नाम ऐप। ई नाम ऐप के जरिए न सिर्फ किसान बल्कि मंडी डीलरों, खरीददारों, व्यापारियों, कमीशन एजेंट और फसल उत्पादक संगठनों को भी सहूलियत होगी।
घर बैठे बस फ़ोन खोलते ही ई-नाम ऐप बता देगा आपके करीब की मंडी में कौनसी फसल किस रेट में कौन कौन खरीद रहा है। यही नहीं मंडी में मिल रहा दाम वाजिब है भी या नहीं चंद मिनटों में पता चल जाएगा। पिछले कुछ साल में देश भर के लाखों किसान एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन से जुड़े हैं, लेकिन कई बार उन्हें सही बाज़ार नहीं मिल पाता। एफपीओ से जुड़े किसानों का काम आसान बनाने के लिए दो मोबाइल ऐप लॉन्च किए गए हैं। इनमें पहला ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) मोबाइल ऐप है, जिसे ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) के साथ जोड़ दिया गया है और दूसरा है एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप।
कैसे काम करेगा ई-नाम मोबाइल ऐप
ओएनडीसी और ई-नाम मोबाइल एप के एक साथ आने से अब ई-नाम पर पंजीकृत एफपीओ/किसान कृषि/प्रसंस्करण उपज ओएनडीसी नेटवर्क वाले खरीदारों के माध्यम से बेच सकते हैं। इससे एफपीओ/किसानों को ओएनडीसी नेटवर्क के जरिए अधिक खरीदारों तक पहुँचने में मदद मिलेगी। ई-नाम अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग (ई-ट्रेडिंग) पोर्टल है, जो कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का बड़ा मंच है।
इस ऐप्प को 10 हज़ार एफपीओ के गठन और संवर्धन की योजना की सुविधा के लिए, प्रभावी निगरानी और रिकॉर्ड रखने के मकसद से विकसित किया गया है. इस ऐप्प की खास बात ये है की निरीक्षण की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जियो निर्देशांक के साथ एफपीओ का निरीक्षण करने वाले व्यक्ति की छवि कैप्चरिंग है. इसके माध्यम से सीबीबीओ, एफपीओ से संबंधित संपूर्ण निगरानी और निरीक्षण गतिविधियाँ की जा सकती हैं, जिससे यह सुधार और संवर्धन में मददगार है. इस ऐप्प से भारत को आने वाले भविष्य में डिजिटल कृषि अर्थव्यवस्था वाला विकसित देश बनाने में मदद मिलेगी.
ई-नाम की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को हुई थी। वर्तमान में 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 1389 थोक बाजारों में ई-नाम लागू किया गया है। किसानों की उपज की प्रतिस्पर्धी बोली के कारण ई-नाम पर किसानों की आय बढ़ रही है और विक्रेताओं को समय पर ऑनलाइन भुगतान भी प्राप्त होता है। ई-नाम की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से यह पूरी तरह पारदर्शी है। 2016 में शुरू हुए ई-नाम पोर्टल पर अभी तक 1.77 करोड़ से ज़्यादा किसान और 2.55 लाख से ज़्यादा व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। 3,600 से ज़्यादा एफपीओ भी ई-नाम प्लेटफार्म से जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-नाम के लिए 1.71 लाख से अधिक एकीकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं। फरवरी-2024 तक इस प्लेटफॉर्म पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार दर्ज किया जा चुका है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है।