डायबिटीज़ के मरीज भी कुफ़री जमुनिया आलू का सेवन कर सकते हैं

आमतौर पर लोग आलू का सेवन स्वाद लेने के लिए करते हैं। देश के 90 फीसदी लोगों के लिए आलू प्रमुख आहार है। डायबिटीज़ जैसी बीमारी में चिकित्सक आलू के सेवन से परहेज की सलाह देते हैं लेकिन आलू की कुछ किस्में ऐसी भी हैं जिसे डायबिटीज़ के मरीज भी खा सकते हैं।

राजभवन में लगे पोटैटो एग्जीबिशन एंड फूड एक्स्पो में चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं औद्योगिकी विवि के स्टाल पर आलू की एक ऐसी किस्म है जिसमें शुगर कि मात्रा नाम मात्र होती है। इस किस्म का नाम कुफ़री जमुनिया है।

विवि के शाकभाजी विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ संजीव कुमार सिंह ने बताया कि कुफ़री जमुनिया आलू में जिंक, आयरन और कैरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शुगर की मात्रा बेहद कम होती है। इसमें कैंसर से लड़ने के आवश्यक तत्व भी पाये जाते हैं। आलू की यह किस्म स्वादिष्ट और सेहत के लिए लाभकारी है।

90 से 100 दिन की फसल

यह एक 90-100 दिन में तैयार होने वाली किस्म है और जो आकर्षक गहरे बैंगनी लंबे अंडाकार (10-12कंद प्रति पौधे ) है। इसकी पैदावार 32-35 टन प्रति हेक्टेयर है और सामान्‍य आलू की तुलना भंडार ज्‍यादा दिनों तक किया जा सकता है। इसका स्‍वाद सामान्‍य आलू की तुलना में बेहतर होता है।

खाद का क‍ितना इस्तेमाल करें

जुताई के समय खेत में अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद 15 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिला देनी चाहिए। रासायनिक खादों का इस्तेमाल म‍िट्टी की उर्वरा शक्ति, फसलचक्र और प्रजाति पर निर्भर होता है। आलू की बेहतर फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 150 से 180 क‍िलोग्राम नाइट्रोजन, 60-80 क‍िलोग्राम फॉस्फोरस एवं 80-100 क‍िलोग्राम पोटाश का प्रयोग करें। 

फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय ही खेत में डालनी होती है। बची हुई नाइट्रोजन को मिट्टी चढ़ाते समय खेत में डाला जाता है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की बुवाई के लिए लगभग 25-30 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। खेत में उर्वरकों के इस्तेमाल के बाद ऊपरी सतह को खोदकर उसमें बीज डालें और उसके ऊपर भुरभुरी मिट्टी डाल दें। पंक्तियों की दूरी 50-60 सेंटीमीटर होनी चाहिए, जबकि पौधों से पौधों की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए। 

इन इलाकों में होगी पैदावार

कुफरी जामुनिया को हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड (मैदानी इलाका), मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में उगाया जा सकता है। इसको पिछले महीने ही नोटिफाइड किया गया है।

आलू से बन सकती हैं ये स्‍वादिष्‍ट चीजें

कुफ़री जामुनिया से रंगीन सब्जी करी, परौंठा, पूरी, रायता, पकौड़ा, दलिया, सूजी और आटा बनता है। इसके अलावा हलवा, उपमा, डोसा, इडली (बैटर) सूप, कुकीज़, अन्य बेकरी आइटम बनाए जा सकते हैं।

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