सर्दी का असर बढ्ने के साथ ही अब आलू टमाटर जैसी फसलों में झुलसा रोग की आशंका बढ़ गई है। लगातार कोहरा और धुंध की स्थिति में झुलसा के साथ ही मटर की फसल में पाउडरी मिल्डयु यानि चुरा फफूंद का भी खतरा है। कृषि वैज्ञानियों ने किसानों को मौसम और फसल दोनों पर नजर रखने की सलाह दी है।
पहाड़ों से आ रही सर्द हवा और समुद्र की नम हवा ने वातावरण में कुहासा और बादल की मौजूदगी बढ़ा दी है। बुधवार को दोपहर बाद धूप निकल आई लेकिन पिछले दो दिन तक मौसम में धुंध और कोहरा छाया रहा है। बादलों के आने की वजह से धूप नहीं निकली और दिन का तापमान घटकर 14 डिग्री पहुंच गया। इस मौसम के लगातार बने रहने और धूप नहीं निकलने से पाला पड़ने के आसार बनने लगे थे। कृषि विज्ञानियों के अनुसार इससे फसलों में विभिन्न रोगों के उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है। चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रोध्योगिकी विश्वविध्यालय सब्जी अनुसंधान केंद्र के आलू विज्ञानी डॉ अजय कुमार यादव ने बताया कि मौसम बदलने के साथ आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है। इस रोग में आलू के पौधों की पत्तीयां भूरी पड़कर सड़ने लगती हैं। दिन का तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेट और रात का तापमान 8 डिग्री सेन्टीग्रेड के आस-पास रहे और आद्रता का स्तर 75 के आस-पास रहने पर सब्जियों की फसलों आलू, मिर्चा, टमाटर, बैंगन में झुलसा रोग लागने का खतरा है।
2 से 4 दिनों के अंदर ही संपूर्ण फसल नष्ट हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को सलाह दी जाती है, कि फसल को पहले से बचाए तथा आवश्यकता अनुसार फसलों में नमी बनाए रखने हेतु समय-समय पर सिंचाई की जाए। आवश्यकता अनुसार जानकारों से दवाइयां की जानकारी लेकर फसलों में छिड़काव करें।
झुलसा रोग से बचाव क तरीका
झुलसा रोग से फसलों को बचाने के लिए नीम ऑयल का छिड़काव करें साथ ही कंडे की राख का इस्तेमाल करें। सरसों और आलू की फसल में झुलसा कीट के नियंत्रण के लिए एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत को 400-500 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करना चाहिए। रासायनिक नियंत्रण के लिए डाईमेथोएट 30 प्रतिशत मिथाइल 25 प्रतिशत और क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत को 600-750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से स्प्रे करना चाहिए। इससे फसलों को झुलसा कीट से छुटकारा मिलता है। ऐसे में अगर पहले से ही ध्यान दिया जाए तो फसलों को बचाया जा सकता है। इस मौसम में कीटनाशकों का प्रयोग करना पड़ सकता है। जिससे किसान की मेहनत बच सके।