बजट 2025: कृषि क्षेत्र को मिला 1.71 लाख करोड़ का प्रोत्साहन, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी 2025 को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। सरकार ने लगातार तीसरी बार कृषि बजट में बढ़ोतरी की है और इस बार 1.71 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल के 1.52 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 19,000 करोड़ रुपये अधिक है।

कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन (पिछले 3 सालों की तुलना)

वित्त वर्षकृषि बजट (लाख करोड़ रुपये)वृद्धि (लाख करोड़ रुपये)
2023-241.47
2024-251.520.05
2025-261.710.19

कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बड़ी घोषणाएं

1. दलहन-तिलहन और कपास मिशन

  • सरकार ने 6 वर्षीय दलहन-तिलहन मिशन शुरू करने की घोषणा की, जिससे इन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
  • कपास उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी 6 साल का विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिससे किसानों को बेहतर पैदावार मिलेगी।

2. किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ी

3. मखाना बोर्ड और फूड इंस्टीट्यूट की स्थापना

  • बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिससे मखाना किसानों को सीधी सहायता मिलेगी और उनकी फसल का बाज़ार बढ़ेगा।
  • साथ ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूत करने के लिए एक फूड इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा।

4. उच्च पैदावार वाले बीजों के लिए राष्ट्रीय अभियान

  • सरकार किसानों को उच्च उत्पादकता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करेगी, जिससे उपज में सुधार होगा और फसल उत्पादन बढ़ेगा।
  • कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी।

5. उर्वरक संयंत्र और मत्स्य पालन पर विशेष जोर

  • असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता का एक नया उर्वरक संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे पूर्वोत्तर भारत में उर्वरक आपूर्ति को मजबूती मिलेगी।
  • अंडमान, निकोबार और लक्षद्वीप में दीर्घकालिक मत्स्य पालन संवर्धन के लिए एक नया ढांचा तैयार किया जाएगा।

ग्रामीण विकास बजट यथावत

  • ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो पिछले साल के समान है।
  • इस बजट का उपयोग ग्रामीण सड़कों, आवास, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा।

बजट 2025-26 में सरकार ने कृषि और किसानों को प्राथमिकता देते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं। कृषि बजट में वृद्धि, किसान क्रेडिट कार्ड सीमा में विस्तार, मखाना बोर्ड, दलहन-तिलहन मिशन और उर्वरक संयंत्र जैसी घोषणाएं किसानों की आय और उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेंगी। यह बजट खेती-किसानी को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

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