
किसानों और पशुपालकों की समृद्धि के लिए अमृतधारा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उदेश्य गोवंश संरक्षण, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है। भारत सरकार की पशु कृषि आधारभूत संरचनाविकास कोष (एएचआई) योजना के तहत सभी बैंकों ने इसे लागू किया है।
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग में अमृतधारा स्कीम के क्रियान्वयन को लेकर बुधवार को कोर कमेटी की बैठक हुई पद्मश्री डॉ भारत भूषण त्यागी, आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त, जैविक ऊर्जा एवं कृषि विभाग के पूर्व सलाहकार पीएस ओझा और यूको बैंक के महाप्रबंधक आशुतोष सिंह ने अमृतधारा स्कीम को ग्राम स्तर तक पहुंचाने पर व्यापक चर्चा की।
अमृतधारा योजना से ये फायदे
यह योजना दो घटकों में विभाजित की गई है। योजना का घटक-A के तकहत छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए है। इसके तहत मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं:
• 2 से 10 गाय पालने हेतु ₹10 लाख तक का ऋण।
• ₹3 लाख तक का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध।
• दुग्ध उत्पादन और जैविक खेती को बढ़ावा।
• किसानों के बैंक खातों से सीधे भुगतान की सुविधा।
• ₹2 लाख तक का बीमा कवर।
अमृधारा योजना के घटक-B के तहत बड़े चिलिंग सेंटर और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे छोटे किसानों और गो-पालकों को परोक्ष रूप से लाभ मिलेगा:
• भूमिहीन किसानों और छोटे पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक।
• ऑर्गैनिक खेती, दुग्ध उत्पादन और जैविक उत्पादों को बढ़ावा।
• गोबर और गोमूत्र का उपयोग कर जैविक खाद एवं बायोगैस संयंत्र की स्थापना।
• एफपीओ (FPO) और स्वयं सहायता समूहों द्वारा जैविक दूध और सब्जियों की मार्केटिंग।
• शहरी उपभोक्ताओं को सीधे ऑर्गैनिक दूध, दही, घी, अनाज और सब्जियां उपलब्ध कराने की योजना।