अब ई- टेंडरिंग के जरिए ही विकास कार्यों के उठेंगे ठेके

भाजपा सत्ता में आने से पहले ही सुशासन की पक्षधर रही है। मंत्रालयों के कामकाज के तरीके बदलने, अफसरशाही चुस्त व सजग रखने के साथ ही यूपी की योगी सरकार ने ई टेंडरिंग की व्यवस्था की है।
यूपी में सभी विभागों के कामों के लिए उठने वाले ठेके ई-टेंडिरंग से ही होंगे। बता दें कि सरकारी विभागों के काम कराने के लिए ठेके उठाने की परंपरा रही है और अधिकारी, नेता व ठेकेदार के गठजोड़ से इसमें करोड़ों के वारे-न्यारे होते रहे हैं।
ई टेंडरिंग प्रक्रिया क्या है
पहले सामान्य तौर से निविदापत्र को भर कर सीलबंद लिफाफे में बंद करके उसको निविदा बक्से में डालना होता था। एक निर्धारित समय के बाद जब इस बक्से को खोला जाता था, तो उसमें जिस भी फर्म की ओर से सबसे कम राशि काम को करने के लिए अंकित की जाती थी, उसको टेंडर दे दिया जाता था। मगर इस मैनुअल सिस्टम में जम कर धांधलियां की जाती हैं।
ठेकेदारों का सिंडिकेट नए लोगों को टेंडर डालने ही नहीं देता है इसलिए अब ई-टेंडरिंग को राज्य सरकार शुरू करने जा रही है जिसमें पूरी टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। सबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर टेंडर की सारी प्रक्रियाओं को एक फार्म भरने की तरह पूरा करना होगा। निविदा शुल्क (टेंडर फीस) के भुगतान और धरोहर राशि (ईएमडी) के भुगतान व वापसी की प्रक्रिया भी भौतिक प्रारूप में न करके ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से की जाएगी।
ई-प्रोक्योरमेंट के तहत बिड्स व डाटा की गोपनीयता, सुरक्षा और अनुरक्षण का दायित्व एनआईसी का होगा। ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली में नियमों व प्रक्रियाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है, अपितु वर्तमान नियमों और प्रक्रियाओं के अन्तर्गत ही केवल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करते हुए टेंडरिंग की कार्यवाही की जाएगी।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
