गुंडों की 'घर वापसी' कराने का योगी सरकार ने तैयार किया रोडमैप

चौंकिये नहीं योगी सरकार में इस घर वापसी का कोई और मतलब मत निकालिये। अपराध की दुनिया में भटके युवाओं की घर वापसी यानी समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश पुलिस की आतंकवाद निरोध इकाई (एटीएस) ‘घर वापसी अभियान छेड़ेगी। आतंकी या अपराधी मानसिकता से ग्रसित युवकों को पुलिस कौशल प्रशिक्षण दिलाने का कार्य करेगी मगर इन युवकों का इस्तेमाल मुखबिरी में नहीं किया जाएगा।
पकड़े गये संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में उजागर हुए थे कई तथ्य
प्रदेश सरकार के निर्देश पर एटीएस ने घर वापसी का विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया है। हाल में ही पांच राज्यों के साझा अभियान में चार आतंकी पकड़े गए थे, जिसके बाद छह संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया। मगर पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में गिरफ्तार नहीं किया गया।
पूछताछ से यह साफ हुआ था कि युवकों को आतंकियों के समूह ने पथभ्रष्ट करने के प्रयास के साथ उनके अंदर आतंकी मानसिकता भरने का प्रयास किया था। ऐसे ही कई और प्रकरण भी सामने आये हैं, जिसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने घर वापसी कार्यक्रम शुरू करने का प्रयास किया था, जिस पर सरकारी मंजूरी मिल गई है।
पथ भ्रष्ट युवाओं के परिवारों के लिए पुलिस ने जारी किये नम्बर
एटीएस के आइजी असीम अरुण ने बताया कि कई ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं जिनमें परिवार को प्रतीत होता है कि उनका कोई सदस्य आतंक राह पर बढ़ रहा है, मगर यह नहीं समझ पाते हैं कि किया क्या जाए। ऐसी स्थिति में वे निसंकोच एटीएस कंट्रोल रूम के फोन नंबर-0522-2304586 और मोबाइल नंबर-9792103156 पर संपर्क कर मदद मांग सकते है।
एटीएस के अधिकारियों के अनुसार आतंकवाद के रास्ते पर कदम बढ़ा चुके या फिर बढ़ाने की सोंच रहे युवकों की उनके परिवार मित्र और धर्म गुरुओं के साथ काउंसिलिंग करायेगी। उनकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा व रोजगार में सरकार उन्हें सहयोग देगी। काउंसिलिंग में परिवार के सदस्यों को उपलब्ध साक्ष्य दिखाए व सुनाए जाएंगे।
घर वापसी वाले युवाओं की पहचान गुप्त रखी जायेगी
एटीएस के अधिकारी युवक से लगातार मुलाकात करेंगे। कुछ दिनों कार्यालय बुलाकार बातचीत की जाएगी। धीरे- धीरे यह मुलाकात साप्ताहिक और बाद में पाक्षिक की जाएगी। बीच-बीच में फोन से बात का सिलसिला चलता रहता है।
आकस्मिक रूप से एटीएस के सदस्य सादे कपड़ों में उसके घर जाकर परामर्श के प्रभाव का आकलन करेंगे। इस प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाएगा। पहचान को गोपनीय रखा जाएगा। मीडिया को भी पहचान न खोलने की हिदायत होगी।
एक साल तक लगातार सम्पर्क के बाद मुलाकात सीमित कर जाएगी। एटीएस यह सतर्कता रखेगी कि ऐसे लोगों का कभी भी मुखबिरी के लिए इस्तेमाल न हो पाये। आतंकवादियों को पकडऩे में भी इनका प्रयोग नहीं होने दिया जाएगा। रोजगार का इंतजाम व विवाह के बाद माना जा सकता है कि घर वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई। बावजूद इसके इनको लेकर सतर्कता बनाए रखी जाएगी।
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