यूपी में योगी सरकार ने इस तरह जानलेवा बीमारियों पर किया काबू

किसी भी राज्य या देश की तरक्की तभी सार्थक मानी जाती है, जब उस देश या राज्य के हर नागरिक को शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं. उत्तर प्रदेश में निजाम बदलने के बाद एक नई शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से प्रदेश की तकदीर को बदलने का जिम्मा उठाया है, उससे अब प्रदेश की खुशहाली के आंकड़ों में भी सुधार शुरू हो चुका है. ऐसा हम नहीं आंकड़ें बोल रहे हैः
मलेरिया के मामले हुए कम

पिछली सरकार की तुलना में योगी सरकार ने यूपी में मलेरिया जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए इस बार पुख्ता इंतजाम करवाया था। जिसका असर भी देखने को मिला है। साल 2016 में उत्तर प्रदेश में तकरीबन 40 हजार मलेरिया के मामले आए थे। लेकिन इस वर्ष जुलाई तक के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो ये संख्या 10 हजार के करीब है। जो योगी सरकार के साकारात्मक प्रयास का ही असर है।
जापानी इंसेफ्लाइटिस पर जबर्दस्त कंट्रोल

यूपी के गोरखपुर व उसके आसपास के जनपदों में इस बीमारी का कहर बीते कई दशकों से ढाती आ रही है। जिसको खत्म करने के लिए मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लंबा संघर्ष भी किया है। पिछले वर्ष जब प्रदेश की बागडोर समाजवादी पार्टी के हाथ में थी, तब 500 नए मामले इस बीमारी के सामने आए थे। लेकिन इस वर्ष इस बीमारी के मात्र 125 मामले सामने आए हैं। इसके लिए, योगी सरकार ने पूरी तैयारी भी की। जेई और एईएस के खिलाफ सघन अभियान चलाकर पूरे प्रदेश के करीब 93 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया। इतना ही नहीं, सरकार ने स्वच्छता अभियान को भी मिशन के तौर पर चलाया जिसके नतीजे भी दिख रहे हैं।
2017 में डेंगू के मामले न के बराबर

साल 2016 में डेंगू के 15 हजार मामले प्रकाश में आए थे, लेकिन योगी सरकार की स्वास्थ्य नीतियों इस बीमारी के खिलाफ तकरीबन निर्णायक जंग जीत ली है। ऐसा हम नहीं आंकड़ें कह रहे हैं। वर्ष 2017 में डेंगू के मरीजों की संख्या न के बराबर है। इसके लिए प्रदेश सरकार वाकई तारीफ के काबिल है।
चिकनगुनिया के मरीजों की भी संख्या घटी

साल 2016 में चिकनगुनिया से तकरीबन 25 सौ से ज्यादा लोग पीड़ित हुए थे। लेकिन इस वर्ष इन आंकड़ों में बेहद कमी आई है। वर्ष 2017 अगस्त तक के आंकड़ों में चिकनगुनिया के मरीज न के बराबर रहे हैं। जो किसी भी सरकार के लिए बड़ी सफलता है। लेकिन इस सफलता के पीछे लोगों की जागरूकत व अपने आसपास सफाई भी एक बड़ी वजह है।
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