योगी सरकार ने गो-संरक्षण के लिए दिए 600 करोड़ का बजट किया जारी
प्रदेश में गायों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त वर्ष 2019-2020 के बजट में गोशाला के निर्माण के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
इस धनराशि का इस्तेमाल राज्य में अस्थाई गोशाला में चारा मुहैया कराने के लिए किया जाएगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश गोरक्षा एवं विकास कोष नियम 2019 को मंजूरी दी थी और साथ ही विशेष कोष की स्थापना का रास्ता साफ हो गया। इस कोष में सार्वजनिक और निजी फंड के जरिए पैसे इकट्ठा होंगे।
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अगर इस समय की बात करें तो मौजूदा समय में राज्य में लगभग 6,000 सार्वजनिक और निजी गोशालाएं हैं, जिसमें 400,000 से अधिक मवेशी बंधे हैं जबकि ज्यादा से ज्यादा स्थाई और अस्थाई गोशालाओं के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। राज्य में 5,076 स्थाई गोशालाएं हैं, जिसमें 307,000 से अधिक मवेशी हैं, यहां स्थानीय निकायों द्वारा संचालित 92 कान्हा गोशालाएं हैं, जिसमें लगभग 20,500 मवेशी हैं। इसके अलावा राज्य में 434 कान्जी हाउस (आवारा मवेशियों घर) हैं, जो 3,600 से अधिक मवेशियों को आश्रय दे रहे हैं। इस तरह सरकार द्वारा समर्थित मवेशी आश्रयगृहों में 3,30,000 से अधिक मवेशी हैं।
इस सबके अलावा सरकार ने कान्हा गोशालाओं और शहरी पशुगृहों के लिए अतिरिक्त 200 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। विदेशी शराब की बिक्री पर विशेष सेस के तहत जुटाए जाने वाले 165 करोड़ रुपये का इस्तेमाल भी आवारा पशुओं की देखरेख में करने का फैसला भी किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019-2020 के बजट में गोशालाओं के रखरखाव के लिए 247.60 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
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