
अब विकास प्राधिकारणों के उपाध्यक्ष भी जिलाधिकारी बने रह सकेंगे। इसके लिए यूपी नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 में संशोधन संबंधी अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यकता के अनुसार कुछ जिलों में वहाँ के डीएम को ही संबन्धित विकास प्राधिकारणों की भी ज़िम्मेदारी दी जाती रही है। मिर्जापुर में 13 सितंबर 2018 को वहाँ के डीएम को प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दी गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने नगर योजना और विकास अधिनियम के प्रावधानों के तहत विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष का पद संबन्धित जिले के डीएम को न सौंपें जाने संबंधी टिप्पड़ी की थी।
सरकार को आशंका थी कि जिन विकास प्राधिकारणों में पूर्णकालिक उपाध्यक्ष की तैनाती नहीं की गई है वह को लेकर न्यायालयों में वाद दायर किए जा सकते हैं। इसलिए अब राज्य सरकार ने डीएम को विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त करने के संबंध में नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 में संशोधन कर दिया गया है।