प्रदेश में सिखाई जाएगी राजनीति, गाजियाबाद में खुलेगा संस्थान
'सरकार चलाना कोई बच्चों का खेल नहीं होता है' अक्सर यह जमुला हमें सुनने को मिल ही जाता है। प्रदेश सरकार इस जुमले को बदलने के लिए अब युवाओं को 'सरकार' चलाने के बारे में सिखाने जा रही है। जहां पर युवाओं के साथ ही साथ विधायकों व पार्षदों को भी बताया जाएगा कि कैसे करके कुशल राजनीति की जाएं और बेहतर राजनीतिज्ञ बना जा सके। बेहतर ट्रेनिंग देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार गाजियाबाद में राजनीतिक प्रशिक्षण संस्थान को स्थापित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। देश की राजधानी से सटे एनसीआर के क्षेत्र में आने वाले गाजियाबाद में स्थापित होने वाले राजनीति प्रशिक्षण संस्थान में शिक्षकों के अलावा राजनैतिक दलों के लोग भी पढ़ाने के लिए आएंगे। राजनीतिज्ञ यहां पर पढ़ने वाले युवाओं को अपने अच्छे अनुभव बताएंगे।
दो साल के अंदर शुरू हो जाएगा संस्थान
गाजियाबाद में बनने वाले इस संस्थान के लिए राज्य सरकार एक उच्च स्तरीय कमेटी को गठित करेगी। प्रशिक्षण संस्थान बेहतर तरीके से चल सके इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार 198 करोड़ रुपये खर्च करेगी। संथान में अगले दो वर्षों के अंदर ही प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। संस्थान शुरू हो सके इसके लिए सरकार ने पूरक बजट में 50 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए है। इस प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण के लिए 60 बीघा भूमि पर किया जाएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार इस संस्थान में चलने वाले पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ बातचीत भी कर रही है। जिससे इस संस्थान की लोकप्रियता पूरे देश में हो सकें।
संस्थान में आएंगे राजनीतिज्ञ लोग
आखिर जनता के बीच में समन्वय बनाया जाता है तथा जनता की बातों को सुनने से लेकर सरकार चलाने में अहम भूमिका निभाने तक के बारे में इस स्थान में पढ़ाया जाएगा। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि संस्थान राष्ट्रीय राजधानी के पास स्थापित किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी से नजदीक होने के कारण संस्थान में देश-विदेश के प्रमुख गणमान्य लोग और राजनीतिक दलों के प्रमुख यहां आएंगे। वह लोग छात्रों और अन्य लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां पढ़ने वाले छात्रों और अन्य लोगों को डिग्री-डिप्लोमा भी दिया जाएगा। यह व्यवस्था देश के प्रमुख विश्वविद्यालय से संबद्ध होने के बाद ही दिए जाएंगे।
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