
लखनऊ के गोमती नगर थाने में बॉलीवुड अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े समेत एक क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के पांच सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इन सात लोगों ने 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपये की ठगी की है।
यह मामला मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) घोटाले से जुड़ा है, जिसमें पहले भी हरियाणा के सोनीपत में दोनों अभिनेताओं और अन्य 11 लोगों पर केस दर्ज हो चुका है। आरोप है कि यह सोसाइटी लाखों लोगों से करोड़ों रुपये लेकर अचानक गायब हो गई।
कैसे हुआ यह घोटाला?
एफआईआर के मुताबिक, यह संगठन ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी’ के नाम से कार्यरत था। इसकी शुरुआत 16 सितंबर 2016 को हुई थी और यह हरियाणा, लखनऊ समेत कई राज्यों में सक्रिय थी।
सोसाइटी मध्य प्रदेश के इंदौर में पंजीकृत थी और मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत काम कर रही थी। यह निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) योजनाओं में पैसा लगाने का लालच देती थी और आकर्षक ब्याज दरों का वादा करती थी।
MLM मॉडल से बढ़ाया दायरा
धीरे-धीरे इस सोसाइटी ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग को अपनाकर निवेशकों से मोटी रकम जुटाई। एजेंटों के माध्यम से लोगों को भरोसा दिलाया गया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।
250 से अधिक शाखाओं के साथ यह संस्था एक विश्वसनीय वित्तीय संगठन के रूप में खुद को प्रस्तुत करने लगी।
विपुल नामक एक एजेंट ने बताया कि उसने 1,000 से अधिक निवेशक खातों को खोला था, लेकिन अब तक किसी को भी पैसा वापस नहीं मिला।
सोसाइटी के प्रचार के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और बड़े होटलों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े ने इन निवेश योजनाओं को प्रमोट किया था, जबकि अभिनेता सोनू सूद भी एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।
BNS 2023 के तहत कौन-कौन सी धाराएं लग सकती हैं?
नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में धोखाधड़ी और वित्तीय ठगी से जुड़े अपराधों पर सख्त प्रावधान किए गए हैं। इस मामले में पुलिस निम्नलिखित धाराओं के तहत कार्रवाई कर सकती है:
- धोखाधड़ी (Fraud) – धारा 316
- झूठी जानकारी देकर या धोखे से किसी व्यक्ति की संपत्ति हड़पना अपराध है।
- सजा: 7 साल तक की कैद और आर्थिक दंड।
- पहचान की धोखाधड़ी (Identity Fraud) – धारा 317
- यदि फर्जी नाम, पहचान या कंपनी का उपयोग कर ठगी की गई हो।
- सजा: 3 साल तक की कैद और जुर्माना।
- ठगी और संपत्ति हड़पना – धारा 318
- यदि किसी व्यक्ति से बहलाकर या जबरदस्ती पैसा लिया गया हो।
- सजा: 10 साल तक की कैद और जुर्माना।
- व्यापक वित्तीय धोखाधड़ी (Organized Fraud) – धारा 319
- यदि ठगी संगठित रूप से या बड़े स्तर पर की गई हो।
- सजा: 10 साल तक की सजा और अधिकतम संपत्ति जब्ती।
अब क्या होगा?
निवेशकों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के अनुसार, सोसाइटी के निदेशकों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन जांच के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है।
क्या निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा? यह सवाल अभी भी बना हुआ है, लेकिन इस मामले ने MLM घोटालों की सच्चाई को एक बार फिर उजागर कर दिया है।