उत्तर प्रदेश में सड़कों पर रातभर गाड़ी खड़े करने वाले अब सावधान हो जाएं! शहरों में रात को मुफ्त में गाड़ियां पार्क करने वालों से शुल्क वसूली की तैयारी है। योजना के अनुसार, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र (सार्वजनिक जगहों) में आने वाले स्थानों पर यदि कोई रात में गाड़ी खड़ी करता है तो उससे रात्रिकालीन पार्किंग शुल्क लिया जाएगा। बिना परमिट गाड़ी खड़ी करने वालों से तीन गुना शुल्क लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर लाई जा रही नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों शहरी क्षेत्रों में सुनियोजित पार्किंग के लिए नगर विकास विभाग से नीति लाने का निर्देश दिया था। इसके आधार पर नई पार्किंग नीति लाई जा रही है। नगर विकास विभाग का मानना है कि पार्किंग नीति से निकायों की आय में भारी इजाफा होगा। नगर निगमों यानी बड़े शहरों में पार्किंग ठेकों में बड़ी कंपनियां भी टेंडर डाल सकेंगी।
पार्क और राइड की सुविधाओं को प्रोत्साहन मिलेगा
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पार्किंग के लिए शासन स्तर से स्पष्ट नीति न होने की वजह से निकाय अपने हिसाब से मनमाने तरीके से ठेका उठाते रहते हैं। इसके चलते शहर में अवैध पार्किंग ठेकों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। प्रस्तावित नीति के मुताबिक, लोक परिवहन की मुख्य बुनियादी बातों पर पार्क एंड राइड की सुविधाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। नगर निगमों द्वारा विकसित पार्किंग का निजीकरण करने पर भी विचार किया जा सकेगा।
सामूहिक परिवहन और मेट्रो आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराकर और निजी वाहनों के उपयोग को कम करने पर भी विचार किया जा सकेगा। सार्वजनिक पार्किंग के लिए नगर निगम से अनुमति प्राप्त कर रेलवे स्टेशनों, बस टर्मिनल्स स्टैंड, विद्यालयों, महाविद्यालयों, छात्रावासों, कारखानों, अस्पतालों, व्यावसायिक भवनों और नगर के अन्य आवासीय भवनों और स्थानों के समीप पार्किंग का ठेका देकर शुल्क वसूला जाएगा।
पार्किंग को एक घंटा, दो घंटा, रात भर और 24 घंटे के चार वर्गों में बांट कर शुल्क प्रस्तावित किया गया है। विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें 10 लाख से कम और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले नगर निगम क्षेत्रों के लिए रात्रि पार्किंग का अलग-अलग शुल्क प्रस्तावित किया गया हे।
आइए एक नजर डालते हैं कि अगर नगर विकास विभाग का प्रस्ताव लागू होता है तो कितनी आबादी वाले नगर निगम में कार और बाइक लगाने का कितना पार्किंग शुल्क लगेगा।
नीचे तालिका में 10 लाख से कम और 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगम क्षेत्रों में पार्किंग शुल्क की प्रस्तावित दरें दी गई हैं:
पार्किंग का समय | चार पहिया (10 लाख से कम आबादी) | दो पहिया (10 लाख से कम आबादी) | चार पहिया (10 लाख से अधिक आबादी) | दो पहिया (10 लाख से अधिक आबादी) |
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एक घंटा | 15 रुपये | 7 रुपये | 10 रुपये | 5 रुपये |
दो घंटे | 30 रुपये | 15 रुपये | 20 रुपये | 10 रुपये |
रात्रिकालीन पार्किंग (11 बजे रात से 6 बजे सुबह) | 100 रुपये | 50 रुपये | 60 रुपये | 30 रुपये |
24 घंटे पार्किंग | 120 रुपये | 57 रुपये | 80 रुपये | 40 रुपये |
मासिक पास | 1800 रुपये | 855 रुपये | 1200 रुपये | 600 रुपये |
इस तालिका से साफ है कि बड़े शहरों में पार्किंग शुल्क थोड़ा कम है, जबकि छोटे शहरों में यह दरें अधिक प्रस्तावित हैं।
निजी भवनों में पार्किंग पर भी शुल्क
भवन उपनिधि के अनुसार केवल मल्टीलेवल कार पार्किंग क्षेत्र में कार स्पा, सैलून या कार बार की सुविधा दी जा सकती है। खुले, भूतल या पार्किंग स्थान पर इसकी अनुमति नहीं दी जा सकेगी। सार्वजिक पार्किंग के लिए वाणिज्यिक उद्देश्य से अपनी भूमि या परिसर उपलब्ध कराने वालों से लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा।
नगर विकास विभाग ने नई नियमावली पर मांगी है आपत्तियां
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने लोगों से उत्तर प्रदेश नगर निगम अनंतिम नियमावली- 2024 पर आपत्ति मांगी है और इसके लिए मेल आईडी nagarvikasanubhag9@gmail.com जारी किया है। उत्तर प्रदेश में कुल 17 नगर निगम हैं जिसमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, अयोध्या, अलीगढ़, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, झांसी, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर, शाहजहांपुर और मथुरा-वृंदावन निगम शामिल हैं।