उत्तर प्रदेश: सुल्तानपुर की सराफा डकैती कांड में फरार बदमाश अनुज सिंह मुठभेड़ में ढेर

सुलतानपुर सराफा डकैती कांड में फरार एक लाख का इनामी अनुज सिंह अचलगंज थाना क्षेत्र के कोलुहागाड़ा गांव के पास सोमवार तड़के ढेर कर दिया गया। एसटीएफ और उन्नाव पुलिस के साथ मुठभेड़ में उसका साथी फरार हो गया। पुलिस ने दो पिस्टल, जिंदा कारतूस, चार किलो चांदी के जेवर और बिना नंबर की बाइक बरामद की है। सीओ एसटीएफ प्रमेश शुक्ला ने अचलगंज थाने में एनकाउंटर की रिपोर्ट दर्ज कराई है। वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। उसके सिर में गोली लगी थी।

….तो ऐसे हुआ एनकाउंटर       

एसटीएफ द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक अनुज के अचलगंज क्षेत्र में होने का पता चला तो उन्नाव पुलिस के सहयोग से सोमवार तड़के उसकी घेराबंदी की गई। करीब चार बजे अनुज एक साथी के साथ बिना नंबर प्लेट की बाइक से गुजर रहा था। पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो अनुज और साथी ने भागने की कोशिश की। बाइक फिसलने से दोनों गिर गए। घेराबंदी देखकर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में एसटीएफ की गोली अनुज के सिर में लगी, जिससे वह गिर गया। एसटीएफ के एक कमांडो की जैकेट पर भी गोली लगी है। जख्मी अनुज को सीएचसी अचलगंज से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इमरजेंसी में उसे मृत करार किया गया।

इसप्रकार सराफा डकैती कांड में अब तक दो बदमाश ढेर हो चुके हैं, नौ जेल में हैं जबकि चार फरार बदमाशों के तलाश में पुलिस लगी है। पुलिस कार्रवाई में डकैती का 28 किलो सोने का जेवर बरामद हो चुका है।

पुलिस की सक्रियता ने उड़ाए बदमाशों के होश, अभी तक दो ढेरतथा नौ भेजे जा चुके जेल

घटना 28 अगस्त की है जब शहर के हृदय स्थल कोतवाली नगर से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित भरत सोनी के थोक सोने-चांदी की दुकान में घुसकर पांच सशस्त्र बदमाशों का समूह करोड़ों रुपए के जेवर उठा ले गया। पुलिस ने दो तीन/सितंबर की रात कोतवाली नगर क्षेत्र के गोड़वा के पास अमेठी के सचिन सिंह, पुष्पेंद्र उर्फ डब्बू तथा त्रिभुवन उर्फ लाला को गिरफ्तार किया। तीनों के पैर में गोली लगी थी। इनके कब्जे से पुलिस ने डकैती का 15 किलो चांदी बरामद करने का दावा किया। पुलिस ने इन तीनों से पूछताछ के आधार पर पूरी डकैती कांड का खुलासा करते हुए 15 बदमाशों का नाम उजागर किया। बदमाशों से पता चला कि इसका मास्टरमाइंड अमेठी का विपिन सिंह है। उसके 14 बदमाश घटना में शामिल रहे। लूट में सभी का नाम पता सामने आने पर यूपी एसटीएफ पुलिस टीमों ने फरार बदमाशों की खोज शुरू की। इसी बीच यूपी एसटीएफ ने जौनपुर के मंगेश यादव को पांच सितंबर को कोतवाली देहात थाना के मिश्रपुर पुरैना गांव के पास मुठभेड़ में ढेर कर दिया। 11 सितंबर को पुलिस ने चार बदमाशों दुर्गेश प्रताप सिंह, विनय शुक्ल, अरविंद यादव और विवेक सिंह को कोतवाली नगर के दूबेपुर मोड़ से दबोच कर उनके पास से 2.633 किलोग्राम सोने के जेवर बरामद किए। उसके बाद जयसिंहपुर क्षेत्र में मोइली के पास 20 सितंबर को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान जौनपुर के अजय यादव उर्फ डीएम को पैर में गोली लगी, उसे गिरफ्तार कर लिया। उससे चार किलो चांदी बरामद की । 23 सितंबर को यूपी एसटीएफ और उन्नाव पुलिस की टीम ने उन्नाव में अमेठी के अनुज प्रताप सिंह को ढेर कर दिया। उसके पास से डकैती का चार किलो चांदी बरामद करने का दावा किया।

अब अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई है: अनुज के पिता

एनकाउंटर में मारे गए सुलतानपुर डकैती कांड के आरोपी के पिता धर्मराज सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई है। अखिलेश यादव ने कहा था कि ठाकुरों का एनकाउंटर नहीं किया जा रहा है। राजनीतिक बयानबाजी के कारण ही अनुज का एनकाउंटर किया गया है। एक सवाल के जवाब धर्मराज ने कहा कि उनका बेटा 4 जून को घर गया था।उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी है। पिता धर्मराज ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए।

डकैती में शामिल सभी लोगों का एनकाउंटर हो: अनुज की बहन

अनुज की बहन अमीषा सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अमीषा ने कहा कि उनका भाई बेकसूर था। फर्जी एनकाउंटर करके एसटीएफ वाहवाही लूट रही है। इस घटना में शामिल दो अभियुक्त विपिन सिंह और विनय शुक्ला के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन उनका एनकाउंटर क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सुलतानपुर डकैती कांड में जितने लोग शामिल थे, उन सभी का एनकाउंटर किया जाए।

यूपी कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “जब यादव मारा जाता है तो समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया बोलते हैं। लेकिन जब मुसलमान, पंडित, ठाकुर मारे जाते हैं, तब यह लोग कुछ नहीं बोलते। जब विकास दुबे मारा गया था तो अखिलेश यादव कुछ क्यों नहीं बोले थे।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश में दस वर्ष पहले गुंडे और माफिया अपनी समानांतर सरकार चलाते थे। वाहनों के काफिले के साथ घूमते थे। अब गिड़गिड़ा रहे हैं। अपनी जान की भीख मांग रहे हैं। केंद्र और प्रदेश में जब से भाजपा सरकार बनी है, तब से गुंडे-माफिया गायब हो गए हैं।”

वहीं, अखिलेश यादव ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा, “सबसे कमजोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं। किसी का भी फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी है। हिंसा और रक्त से यूपी की छवि धूमिल करना उप्र के भविष्य के विरुद्ध बड़ा षड्यंत्र है। जिनका खुद का भविष्य नहीं होता, वही भविष्य बिगाड़ते हैं। निंदनीय!”

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