कैबिनेट का फैसला : UPSC के समान होगा UPPCS का पैटर्न, परीक्षार्थियों को होगा फायदा

राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली पीसीएस परीक्षा की प्रणाली में बदलाव से मेधावियों के लिए अवसर बढ़ेंगे। साक्षात्कार के अंकों में कमी से जहां आयोग की मनमानी और पक्षपात पर अंकुश लगेगा, वहीं मुख्य परीक्षा में बदलाव से अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को भी आंका जा सकेगा। इस फैसले के बाद प्रतियोगियों के बीच असली होड़ मुख्य परीक्षा में ही रहेगी।
प्रशासनिक पदों पर जाने के लिए सिविल सेवा की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए योगी सरकार नई सौगात लेकर आई है। अन्य राज्यों की तरह अब यूपी में भी अलग पैटर्न व परीक्षा का दौर खत्म कर दिया गया है। अब यूपी सरकार ने भी यूपीएसी के सामान ही यूपीपीसीएस का पैटर्न कर दिया है।
अब 1700 की जगह 1600 अंकों की होगी परीक्षा
साक्षात्कार में लगातार लगने वाले आरोपों को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी की कैबिनेट ने पीसीएस परीक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी देकर अब साक्षात्कार की वैल्यू कम कर दी है। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में इंटरव्यू के अंकों में बेईमानी के आरोप कई बार लगे हैं। पारदर्शिता और सहूलियत के लिहाज से कैबिनेट ने सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा के 1700 अंकों को घटाकर अब 1600 अंक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसमें विशेष रूप से 200 अंक की जगह सिर्फ 100 अंक के इंटरव्यू होंगे। हर जगह अब लिखित परीक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। कुल परीक्षा 1600 अंकों की होगी, जिसमें 1500 अंक की लिखित परीक्षा होगी। हिंदी और निबंध के 150-150 अंक रहेंगे, जबकि सामान्य अध्ययन के 200-200 अंक के दो प्रश्नपत्रों की जगह अब 200-200 अंक के चार प्रश्न पत्र होंगे। मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि वैकल्पिक विषय में अब चिकित्सा विज्ञान को भी जोड़ा जाएगा।
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