राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को अगले एक वर्ष मे “गरीबी मुक्त” बनाने का संकल्प लिया है। प्रयास सफल हुआ तो यूपी देश का पहला ऐसा प्रदेश होगा जो गरीबी मुक्त होगा। संकल्प को सिद्धि में बदलने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में 10 से 25 निर्धनतम परिवारों को चिन्हित कर उन्हे गरीबी के दायरे से बाहर लाया जाएगा। फिर उन्हे मुख्य धारा में लाने के लिए महाभियान चलाया जाएगा। सभी निर्धन परिवारों को भोजन व वस्त्र के साथ-साथ मकान, अच्छी शिक्षा व चिकित्सा दिलाई जाएगी। उन्हें सुनिश्चित आय से जोड़ने का भी प्रबंध किया जाएगा। मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बुधवार को शासनादेश जारी किया है।
योजना के अंतर्गत गरीबों का चयन चार मानकों के आधार पर किया जाएगा। सभी जिलों में मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर इसकी ज़िम्मेदारी सौपीं जाएगी। लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों, अधिकारियों व ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। ग्राम पंचायतों में गरीब परिवारों को चिन्हित करने के लिए त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था अपनाई जाएगी। पहले आप-अप मोबाइल एप पर डाटा अपलोड किया जाएगा। फिर परिवार के मुखिया की उपस्थिती में ग्रामस्तरीय कर्मचारी स्थलीय निरीक्षण करेंगे। स्थलीय निरीक्षण के बाद “जीरो पावर्टी पोर्टल” पर परिवार का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। दूसरे स्तर पर ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और स्वयं सहायता समूह के सदस्य को शामिल करते हुए पांच सदस्यीय ग्रामस्तरीय कमेटी गठित होगी।
आय के साधनों से जोड़ेंगे, दिलाएंगे योजनाओं का लाभ
निर्धनतम परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराकर खाद्य एवं रसद विभाग की योजनाओं से जोड़ा जाएगा और राशन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ देने के साथ बच्चों का स्कूल में निशुल्क प्रवेश दिलाकर निशुल्क यूनिफ़ार्म इत्यादि दिलाई जाएगी।