उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बड़ा बदलाव करते हुए माता प्रसाद पांडे ने विपक्ष का नेता बनाया है। समाजवादी पार्टी ने आज रविवार को पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडे को समाजवादी पार्टी के विधायक दल के नेता चुना है। इससे पहले माता प्रसाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। वर्तमान में वह सिद्धार्थनगर के इटवा सीट से विधायक भी हैं। इसके अलावा अखिलेश ने 3 अन्य पदों पर भी नियुक्ति की है।
माता प्रसाद प्रदेश की राजनीति में कद्दावर नेता की पहचान रखते हैं। वह समाजवादी पार्टी के एक अनुभवी नेताओं में से एक हैं। वह मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज से आते हैं। इस नियुक्ति के जरिए अखिलेश ने राज्य में अपने चर्चित PDA की जगह ब्राह्मण नेता पर दांव खेला है।
समझा जा रहा है कि प्रदेश में ब्राह्मण समाज बीजेपी से नाराज चल रहा है और अखिलेश यादव की नजर इन्हीं नाराज समाज को साधने पर हैं। माता प्रसाद पांडे को विपक्ष का नेता बनाने के अलावा समाजवादी पार्टी ने कुछ अन्य नियुक्तियां भी की हैं।
विधानसभा के मुख्य सचेतक बने कमाल
विधायक महबूब अली को विधानसभा में पार्टी की ओर से अधिष्ठाता मंडल का सदस्य बनाया गया है। हालांकि पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवपाल सिंह यादव का नाम चर्चा में चल रहा था, लेकिन पार्टी प्रमुख ने आज जब नए नेता का ऐलान किया तो माता प्रसाद पांडे बाजी मारने में कामयाब रहे।
इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने विधायक कमाल अख्तर को विधानसभा का मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। जबकि विधायक राकेश कुमार उर्फ डॉक्टर आरके वर्मा को विधानसभा में उप सचेतक बनाया है।
मुलायम सरकार में 2 बार मंत्री बने माता
31 दिसंबर 1942 को सिद्धार्थनगर के पिरैला गांव में जन्मे माता प्रसाद पांडे ने एमए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। उनके परिवार में एक बेटा और 4 बेटियां हैं। मूल रूप से उनका प्रोफेशन खेती है। वह 7 बार विधायक चुने गए हैं। 1980 में वह पहली बार विधायक चुने गए। फिर 1985 में दूसरी बार विधायक बने।
साल 1989 के चुनाव में माता प्रसाद तीसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस बीच मुलायम सिंह यादव की सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (20 दिसंबर 1990 से 24 जून 1991 तक) बनाए गए। 2002 के चुनाव में वह फिर से विधायक बने।
वह 3 अक्टूबर 2003 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में फिर से मंत्री बने। इसी दौरान 26 जुलाई 2004 को वह विधानसभा के निर्विरोध स्पीकर चुने गए। 2007 में वह पांचवीं बार विधायक बने. 2012 के चुनाव में वह छठी बार विधायक चुने गए। 13 अप्रैल 2012 वह दूसरी बार विधानसभा के निर्विरोध स्पीकर चुने गए। 2012 के चुनाव में वह सातवीं बार विधायक बने।