यूपी के परिवारों को मिलेगा यूनिक कार्ड, वंचितों को भी मिलेगा योजनाओं का लाभ
उत्तर प्रदेश में जल्द ही सभी परिवारों को परिवार कल्याण कार्ड से जोड़ने की योजना शुरू होने वाली है। 12 अंकों वाले इस कार्ड से जुड़ने पर सरकार को ये पता लगाने में आसानी होगी कि किस परिवार को किस योजना का लाभ मिल रहा है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पिछले सप्ताह एक प्रजेंटेशन दी गई है, जिसमें इसका पूरा ब्यौरा पेश किया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि परिवार कल्याण कार्ड के लिए राशन कार्ड से सारा डेटा एकत्र किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने कहा, ''यदि हम राशन कार्ड को आधारा बनाते हैं, तो कुछ ही दिनों में 60 फीसदी परिवार इससे जुड़ जाएंगे।''
खबरों की मानें तो प्रयागराज में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था। राशन कार्ड डेटा के आधार पर सरकार ने लाभार्थी परिवारों की पहचान की। सरकार को यह भी डेटा उपलब्ध कराया गया कि किन परिवारों को सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी अधिकारियों का मानना है कि इस कार्ड से फर्जी कार्डों पर रोक लगेगी और एक ही परिवार को बार-बार किसी योजना का लाभ मिलना बंद होगा। उन परिवारों को योजनाओं का लाभ मिलेगा, जो अभी तक वंचित रहे।
2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सत्ता में आने पर हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था। फैमिली कार्ड के जरिए सरकार यह तय कर पाएगी कि किस परिवार को रोजगार मिल गया है और किस परिवार के किसी सदस्य को रोजगार नहीं मिला है।
फैमिली कार्ड के जरिए सरकार की कई और सेवाओं को जोड़ा जाएगा। एक सरकारी सूत्र ने बाताया, ''यदि परिवार के एक सदस्य का जाति प्रमाण पत्र बना है तो परिवार के किसी दूसरे सदस्य को यह आसानी से मिल सकता है। उसे आवेदन करने के लिए दस्तावेज नहीं देने होंगे।'' सरकार इसकी वैधता की भी जांच कर रही है। यूपी के अधिकारियों को हरियाणा और कर्नाटक के मॉडल को भी परखने को कहा गया है। हरियाणा ने 'परिवार पहचान पत्र' और कर्नाटक ने 'कुटुंब कार्ड' जारी किया है। हरियाणा में फैमिली कार्ड के लिए राशन कार्ड डेटा का इस्तेमाल किया गया है, जैसा कि यूपी सरकार प्लान कर रही है।
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