जैविक खेती को विस्तार देगी योगी सरकार, यह है योजना

पिछले कुछ समय से लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हो रहे हैं। इसीलिए कब लोग रासायनिक तरीके से उगाए गए उत्पादों की जगह जैविक उत्पादों को वरीयता दी रहे हैं। रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने से खेती की पैदावार तो बढ़ जाती है लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं। जबकि जैविक खेती करने में किसानों को लागत ज़्यादा लगती है। जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर स्तर पर सहयोग अनुदान दे रहे हैं।
जैविक खाद से उत्पादित फसल का मूल्य भी अधिक मिलता है, साथ ही पर्यावरण और लोगों की सेहत भी अच्छी रहेगी। जैविक खेती में वर्मी कम्पोस्ट, गाय का गोबर-मूत्र व अन्य तरह से बनी खाद से कीट नाशक के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। प्रदेश सरकार ने जैविक खेती को विस्तार देने के लिए मिशन प्राकृतिक खेती शुरू करने पर बल दिया है।
इस दिशा में योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही प्रयास शुरू कर दिया था। 4784 क्लस्टर्स में 1,75,000 किसान 95,680 हेक्टेयर में जैविक खेती कर रहे हैं, उनमें नमामि गंगा योजना के तहत 3,309 क्लस्टर्स में 63,080 हैक्टेयर में जैविक खेती कराई जा रही है। इससे जुड़े किसानों की संख्या 1,03,442 है। इस तरह से देखा जाए तो जैविक खेती का सर्वाधिक रकबा गंगा के मैदानी इलाके का ही है। इंडो-गंगेटिक मैदान का यह इलाका दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शामिल होता है।
उत्तर प्रदेश के जिन 27 जिलों से गंगा नदी गुजरती है, उनमें इसके दोनों किनारों पर 10 किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों की जगह फसलों को सुरक्षित रखने और उपज बढ़ाने के लिए केवल जैविक उत्पादों का ही प्रयोग किया जाएगा, ताकि खेतों से होते हुए रासायनिक खादों व कीटनाशकों का जहर गंगा नदी में न मिल सके।
ऑर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से नवंबर 2017 में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित जैविक कृषि कुंभ में विशेषज्ञों ने यह संस्तुति की थी गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित किया जाए। चूंकि हर साल आने वाली बाढ़ के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी बदलकर उर्वर हो जाती है, इस नाते पूरे क्षेत्र में जैविक खेती की बहुत संभावना है। यही वजह है कि योगी सरकार-2 में गंगा के किनारे के सभी जिलों में जैविक खेती को विस्तार दिया जाएगा।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
