उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दीपावली से पहले प्रदेश भर में महंगाई की मार झेल रहे 3.45 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा तोहफा दिया है। अब दीपावली में उपभोक्ता अपने घर को लाइटों से खूब सजाएंगे, लेकिन उन्हें महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा। लगातार पांचवें साल नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
पांचवें साल भी नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के दलीलों को किया खारिज
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की दलीलों को खारिज करते हुए मौजूदा दरें यथावत बनाए रखने का निर्णय गुरुवार को ही ले लिया था। लगातार पांचवां साल है जब पावर कॉरपोरेशन बिजली दरें बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दाखिल करता है और नियामक आयोग प्रस्ताव को वापस कर देता है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य की बिजली वितरण कंपनियों के लिए बिजली दरों का निर्धारण कर दिया है। घरेलू बिजली की अधिकतम दर 6.50 रुपये यूनिट बनी रहेगी। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड एनपीसीएल के उपभोक्ताओं की बिजली भी पहले की तरह 10 प्रतिशत सस्ती बनाए रखी गई है।
घरेलू व कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य के लिए आयोग ने अब 36 पैसे यूनिट ग्रीन एनर्जी टैरिफ तय किया है। यह टैरिफ सभी के लिए स्वैच्छिक रहेगा।
अगले वित्तीय वर्ष में भी बिजली दरें बढ़ने की नहीं है कोई गुंजाइश
पांचों बिजली कंपनियों द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नियामक आयोग में 1,01,783.45 करोड़ रुपये का एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) दाखिल किया गया था। राजस्व गैप की भरपाई के लिए कंपनियों ने अपनी ओर से बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव देने के बजाय आयोग पर ही छोड़ दिया था। कंपनियों के प्रस्तावों पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद व अन्य की आपत्तियों व सुझाव को मानते हुए आयोग ने एआरआर में कटौती करते हुए 96,225.02 करोड़ रुपये की मंजूर कर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है।
आयोग ने राज्य सरकार से बिजली कंपनियों को मंजूर की गई 17,511.88 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष से 2900 करोड़ रुपये अधिक) की सब्सिडी और मौजूदा बिजली दरों से कंपनियों को लगभग 75,351.19 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। चूंकि आयोग ने बिजली कंपनियों के मनमाने प्रस्तावों को न मानते हुए उन पर ही उपभोक्ताओं का 1944.72 करोड़ रुपये और सरप्लस निकाल दिया है इसलिए आगे बिजली की दरें कम भी हो सकती हैं।
यह ज्ञात हो कि कंपनियों पर पहले से ही 33,122 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं का सरप्लस है। सरप्लस बढ़ने से अगले वित्तीय वर्षों में भी बिजली की दरें बढ़ने की गुंजाइश नहीं है। वैसे भी वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 2025 में भी बिजली महंगी होने के बिल्कुल आसार नहीं है।
एनपीसीएल के उपभोक्ताओं को मिलती रहेगी सस्ती बिजली
ग्रेटर नोयडा क्षेत्र के डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) द्वारा बिजली की आपूर्ति की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 तक कंपनी का 1,176 करोड़ रुपये सरप्लस निकलने पर आयोग ने संबंधित उपभोक्ताओं को उनके फिक्स्ड एवं एनर्जी चार्ज पर पिछले वर्ष 10 प्रतिशत का रेग्यूलेटरी डिस्काउंट घोषित किया है जिसके तहत एनपीसीएल के उपभोक्ता को इस वित्तीय वर्ष में भी उनके कुल बिजली के बिल में 10 प्रतिशत की छूट बरकरार रखी गई है।
खरीदी जाएगी 1.47 लाख मिलियन यूनिट से ज्यादा बिजली
प्रदेशवासियों को भरपूर बिजली देने के लिए कंपनियों ने प्रस्ताव में 1,47,901.52 मिलियन यूनिट बिजली खरीद प्रस्तावित की थी। आयोग ने कहीं अधिक 1,47,904.69 मिलियम यूनिट बिजली खरीदने को मंजूरी दी है। बिजली कंपनियों की बात मानते हुए अबकी 13.09 प्रतिशत लाइन हानि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है जबकि पिछले वर्ष 10.67 प्रतिशत मंजूर की गई थी।
कनेक्शन जोड़ने-काटनेवएसएमएस का शुल्क नहीं
आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा स्मार्ट मीटर का कनेक्शन जोड़ने-काटने के लिए 50 रुपये और एसएममएस भेजने के एवज में 10 रुपये शुल्क उपभोक्ताओं से वसूलने को प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि कंपनियां इस संबंध में उपभोक्ताओं से किसी तरह का शुल्क नहीं वसूलेंगी।
अन्य प्रमुख फैसले
- स्मार्ट मीटर कनेक्शन जोड़ने व काटने पर प्रस्तावित 50 रुपये का शुल्क खारिज।
- एसएमएस के लिए 10 रुपये शुल्क का प्रस्ताव भी खारिज।
- तीन किलोवाट के उपभोक्ताओं को तीन फेज कनेक्शन की सुविधा।
- विद्युत निगमों पर उपभोक्ताओं का 1,944 करोड़ रुपये का सरप्लस, पहले से 33,122 करोड़ रुपये बकाया।
- पावर ट्रांसमिशन का टैरिफ 26 पैसे से घटाकर 23 पैसे किया गया।
यह निर्णय उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है और राज्य में बिजली की आपूर्ति को अधिक किफायती और उपभोक्ता हितैषी बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।